लॉकडाउन का ट्रैफिक चालान वसूली पर असर

  • 80% मामलों में नहीं भरा गया जुर्माना

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पुणे.  कोरोना महामारी (Corona Epidemic) की रोकथाम के लिए जारी किए गए लॉकडाउन (Lockdown) ने ट्रैफिक पुलिस (Traffic police) के जुर्माना वसूली (Fine recovery) पर भी असर डाला है. लॉकडाउन और सिस्टम की तकनीकी गड़बड़ी की वजह से 80 प्रतिशत लोगों ने इस बार ट्रैफिक जुर्माना ही नहीं भरा है. यह आंकड़ा करीबन 60 करोड़ रुपए है. 2019 में फाइन न जमा करने के मामले 64.34 प्रतिशत थे. हालांकि, 2019 और 2018 की तुलना में 2020 में ट्रैफिक उल्लंघन के मामलों में कमी दर्ज हुई है.

पुणे के ट्रैफिक पुलिस उपायुक्त राहुल श्रीराम (Rahul Shree Ram, Deputy Commissioner of Traffic Police, Pune) ने बताया कि अब तक 80 प्रतिशत ऐसे फाइन हैं जो भरे नहीं गए हैं. इसका आंकड़ा लगभग 59 करोड़ 96 लाख 12 हजार 400 रुपये का है, वहीं इस साल अब तक 15 करोड़ 37 लाख 10 हजार 853 रुपए फाइन ((Fine) के रूप में मिल चुके हैं. 

फाइन के मामले पिछले 2 वर्षों की तुलना में कम

लॉकडाउन के कारण परिवहन न होने से फाइन के मामले पिछले 2 वर्षों की तुलना में कम हैं, लेकिन जिन मामलों में जुर्माना बकाया है, उनकी वार्षिक मामलों की संख्या निरंतर बनी हुई है. 2019 के अंत में 14 लाख 67 हजार 211 मामले थे जिनका जुर्माना नहीं भरा गया था.

डेटा के साथ कई समस्याएं 

ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, नियमों का उल्लंघन करने वालों के बारे में जानकारी भेजने के लिए उपयोग किए जाने वाले डेटा के साथ कई समस्याएं हैं. उदाहरण के लिए, कॉन्टैक्ट इन्फॉर्मेशन गायब है या ऑनलाइन सिस्टम में दिखाया गया नंबर ट्रैफिक अधिकारियों द्वारा संदेश भेजने के लिए गलत है. ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) को दोषी ठहराते हैं वहीं आरटीओ का कुछ अलग ही कहना है. पुणे के डिप्टी आरटीओ संजय सासने ने बताया कि डेटा हमारे द्वारा उपलब्ध नहीं कराया जाता है. राष्ट्रीय सूचना केंद्र, सड़क परिवहन मंत्रालय के माध्यम से डेटा उपलब्ध कराया जाता है. नए वाहन रजिस्टर्ड होने पर हमें डेटा मिलता है.