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प्रतीकात्मक तस्वीर

  • पिंपरी-चिंचवड़ मनपा का सेंटर चलानेवाले 'स्पर्श' का कारनामा

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पिंपरी. कोरोना (Corona) महामारी के बढ़ते मरीजों (Patients) की संख्या के मुकाबले पिंपरी-चिंचवड़ शहर (Pimpri-Chinchwad City) के अस्पतालों (Hospitals) में बेड खासकर आईसीयू, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन बेड की भारी किल्लत बनी हुई है। ऐसे माहौल में मनपा के कोविड सेंटर (Covid Center) में आईसीयू बेड (ICU Bed) दिलाने के लिए एक मरीज के परिजनों से एक लाख रुपए ऐंठे जाने की चौंकानेवाली जानकारी सामने आयी है। यह मामला चिंचवड़ स्थित ऑटो क्लस्टर में मनपा के कोविड सेंटर (सीसीसी) में सामने आया है। यह सेंटर करीबन 5 करोड़ रुपए के फर्जी बिल पेश कर मनपा के साथ धोखाधड़ी करनेवाली स्पर्श हॉस्पिटल नामक संस्था को संचालन के लिए सौंपा गया है। सत्तादल भाजपा के दो नगरसेवकों ने इस पूरे मामले का पर्दाफाश किया है। इसके बाद बीती देर रात तक भाजपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस के तीन नगरसेवकों व नेताओं द्वारा मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की जाती रही।

चिखली स्थित मनपा स्कूल की एक मुख्याध्यापिका कोरोना संक्रमित पाए जाने से उनका चिंचवड़ वाल्हेकरवाड़ी स्थित पद्मजा नामक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। अचानक तबियत बिगड़ने से उन्हें आईसीयू में डॉक्टरों की ओर से शिफ्ट करने की जरूरत बताई गई। कहीं आईसीयू बेड न मिलने से उनके परिजन निराश हो गए। फिर डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल का नाम बताए बिना एक लाख रुपए देने पर आईसीयू बेड उपलब्ध कराने की बात कही। इसके अनुसार परिजनों ने उन्हें एक लाख रुपए दिये। पैसे मिलने के बाद उन्हें ऑटो क्लस्टर में शुरू मनपा के कोविड केयर सेंटर, जहां सारा इलाज मुफ्त किया जा रहा है, में आईसीयू बेड दिया गया। यहां इलाज के दौरान बुधवार की मुख्याध्यापिका की मौत हो गई। 

भाजपा के 2 नगरसेवकों ने खोला पोल 

इन बीच, चिखली में भाजपा के स्थानीय नगरसेवक कुंदन गायकवाड़ को मुख्याध्यापिका के परिजनों से आईसीयू बेड के लिए एक लाख रुपए लिए जाने की बात पता चली। गायकवाड़ ने अपने साथी व भाजपा के दूसरे नगरसेवक विकास डोलस को इसके बारे में बताया और दोनों गुरुवार को ऑटो क्लस्टर के कोविड सेंटर पहुंचे। उन्होंने यह सेंटर चलानेवाले स्पर्श हॉस्पिटल के निदेशकों से इसका जवाब मांगा। स्पर्श के निदेशकों ने वाल्हेकरवाड़ी के निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने पैसे लिए होंगे ऐसा कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया। इसके बाद दोनों नगरसेवक पद्मजा हॉस्पिटल पहुंचे और वहां के डॉक्टरों से जवाब मांगा। उसने शुरू में टालमटोल की, लेकिन जब उसकी धुलाई की तब उसने स्पर्श के सलाहकार ने 80 हजार और उसने खुद 20 हजार रुपए लेने की बात स्वीकारी। इसके बाद इस पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ। स्पर्श हॉस्पिटल को इस कोविड सेंटर में होने वाले हर मरीज के इलाज के खर्च का भुगतान मनपा की ओर से किया जाता है। इसके बावजूद मरीजों से पैसे ऐंठे जा रहे हैं। यह मामला सामने आने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस की एक नगरसेविका और सत्तादल भाजपा के कुछ नेता इस मामले को रफादफा करने की कोशिश में देर रात तक जुटे रहे।

मामले की होगी जांच : उल्हास जगताप

स्पर्श हॉस्पिटल इससे पहले बिना किसी मरीज के इलाज के ही पांच करोड़ रुपए के फर्जी बिल पेश करने के मामले में घिर चुका है। इस मामले की जांच शुरू ही है कि अब मरीजों के परिजनों से पैसे वसूलने की चौंकानेवाली जानकारी सामने आयी है। इस बारे में स्पर्श के निदेशक डॉ. अमोल होलकुंदे से संपर्क करने पर कुछ बोलने से मना किया और मनपा के अतिरिक्त आयुक्त उल्हास जगताप से बात करने को कहा। जब जगताप से पूछा गया तो उन्होंने मामले की व्यापक जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही।