Workers not coming to work at the original place

  • सोमवार को ‘अभय योजना’ के तहत 46 करोड़ जमा
  • ‘अभय योजना’ की सहूलियत ख़त्म
  • 1 लाख 14 हजार 483 लोगों ने योजना का लाभ लिया
  • 30 नवंबर को खत्म हो गई अवधि

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पुणे. स्थायी समिति ने टैक्स वसूली के लिए ‘अभय योजना’ चलाई थी. 2 अक्टूबर से 30 नवंबर तक महापालिका को इसके तहत करीब 354 करोड़ 88 लाख का टैक्स मिला. करीब 1 लाख 14 हजार 483 लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया है. यह योजना 50 लाख तक का बकाया रखने वालों के लिए थी. उससे ज्यादा राशि वालों पर प्रशासन द्वारा कार्रवाई शुरू की गई. ऐसे 55 से अधिक प्रोपर्टियां सील की गई हैं. ऐसी जानकारी टैक्स विभाग प्रमुख विलास कानडे ने दी. 

इस बीच अप्रैल माह से अब महापालिका तिजोरी में टैक्स के जरिए करीब 1204 करोड़ की आय जमा हुई है. कोरोना कालावधि में यह अच्छी आय मानी जा रही है.

स्थायी समिति ने चलाई ‘अभय योजना’

टैक्स पर 3 गुना जुर्माना और जुर्माना से टैक्स बकाया में भारी वृद्धि हुई है. पिछले साल बेमौसम बारिश और इस साल कोरोना के प्रकोप के कारण हुई आर्थिक तंगी के चलते बकाया राशि वसूलने के लिए बकाया राशि पर लगाए गए 2 प्रतिशत जुर्माने पर 80 प्रतिशत छूट दी जानी चाहिए. इसके लिए स्थायी समिति सदस्यों ने 2 अक्टूबर से 30 नवंबर तक टैक्स ‘अभय योजना’ लागू करने का प्रस्ताव दिया था. इस बीच, स्थायी समिति की बैठक में एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के सदस्यों ने सभी बकाया राशि को सहूलियत देने का विरोध किया था. उन्होंने एक स्टैंड लिया कि ये छूट उन लोगों को नहीं दी जानी चाहिए जो ईमानदार करदाताओं के साथ अन्याय करके करोड़ों रुपए के बकाया हैं. इसके बदले, 50 लाख रुपए तक के बकाये पर रियायत दी जानी चाहिए. उससे ज्यादा हो तो उस पर कार्रवाई की जाए. इसके अनुसार, इस प्रस्ताव को स्थायी समिति ने मंजूरी दी थी. इसके अनुसार इस योजना को खासा प्रतिसाद मिला.

टैक्स विभाग को अतिरिक्त कर्मी उपलब्ध कराए गए थे

‘अभय योजना’ पर प्रभावी तरीके से अमल हो, इसके लिए टैक्स विभाग को अतिरिक्त कर्मी मुहैया कर दिए थे क्योंकि महापालिका को इस माध्यम ज्यादा आय कमानी है. इसके अनुसार, योजना को खासा प्रतिसाद दिख पाया है. 2 अक्टूबर के 30 नवंबर तक महापालिका को इस योजना तहत 354 करोड़ 88 लाख का टैक्स मिला. करीब 1 लाख 14 हजार 483 लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया है. प्रशासन के अनुसार ‘अभय योजना’ के तहत करीब 181 करोड़ की सहूलियत महापालिका द्वारा दी गई है. इस बीच महापालिका को टैक्स से अप्रैल माह से अब तक कुल 1204 करोड़ की राशि मिल चुकी है. टैक्स विभाग प्रमुख विलास कानडे ने कहा कि 50 लाख से ज्यादा राशि बकानेवाले शहर में लगभग 655 लोग हैं, लेकिन इसमें से कईओं का विवाद कोर्ट में चल रहा है. शेष लोगों से राशि वसूलना और कार्रवाई करना हमने शुरू किया था. हमने अब तक ऐसी 55 से अधिक प्रॉपर्टियों को सील किया है.  

वसूली के लिए सूक्ष्म नियोजन

इस बीच, अब ‘अभय योजना’ की कालावधि ख़त्म हो चुकी है. आगामी 4 माह में ज्यादा से ज्यादा वसूली हो उसको लेकर अब प्रशासन ने गंभीरता से ध्यान दिया है. इस बारे में विलास कानडे ने कहा कि अब वसूली को लेकर हमने सूक्ष्म नियोजन बनाया है. जिन लोगों के पास राशि बकाया है, उसके पास जाकर उसे आनेवाली दिक्कतें पूछी जाएगी. कोर्ट में जो केसेस हैं, उनका बारीकी से निरिक्षण किया जाएगा. लगभग 3 हजार करोड़ की राशि बकाई है. उसे वसूलने के लिए सभी यंत्रणा काम पर लगा दी जाएगी. ताकि मनपा के तिजोरी में राशि जमा हो. साथ ही असेसमेंट को लेकर जोरदार प्रयास किए जाएंगे.

‘अभय योजना’ के बाद अब वसूली को लेकर हमने सूक्ष्म नियोजन बनाई है. जिन लोगों के पास राशि बकाया हैं, उसके पास जाकर उसे आनेवाली दिक्कतें पूछी जाएंगी. कोर्ट में जो केसेस हैं, उनका बारीकी से अध्ययन किया जाएगा. लगभग 3 हजार करोड़ की राशि बकाया है. उसे वसूलने के लिए सभी यंत्रणा काम पर लगाई जाएंगी. – विलास कानडे, टैक्स विभाग प्रमुख

टैक्स की बकाया राशि की वसूली के लिए चलाई गई अभय योजना से अपेक्षित आय प्राप्त की गई है. हम आय बढ़ाने के लिए चार और योजनाएं लाने जा रहे हैं.  अब तक, राजस्व केवल 4,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष था. वर्तमान वर्ष में, हम निश्चित रूप से 5,000 करोड़ रुपए के राजस्व कमाने की कोशिश करेंगे. -हेमंत रासने, अध्यक्ष, स्थायी समिति, महापालिका