
- स्थायी समिति के समक्ष प्रस्ताव
पुणे. महाराष्ट्र राज्य सरकार द्वारा कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रामक रोगों की रोकथाम अधिनियम, 1897 के अनुसार अधिसूचना जारी की गई है. 18 मार्च, 2020 को कोरोना वायरस (कोविड -19) के प्रसार के खिलाफ एहतियाती उपाय के रूप में, राज्य सरकार के कार्यालयों में अधिकारियों / कर्मचारियों की उपस्थिति को नियंत्रित करने के निर्देश दिए गए थे. महाराष्ट्र राज्य सरकार ने 24 मार्च, 2020 से 17 मई, 2020 और 14 जुलाई, 2020 से 23 जुलाई, 2020 तक 65 दिनों की लॉकडाउन अवधि की घोषणा की थी.
इस अवधि के दौरान, सभी स्थानीय सेवाओं / परिवहन सेवाओं और अन्य दैनिक यात्री सेवाओं को बंद कर दिया गया था. इसलिए आवश्यक सेवा के सभी अधिकारी-कर्मचारियों के काम पर आने-जाने में दिक्कतें होती थीं. इसलिए इन कर्मियों को प्रति दिन 150 रु का प्रोत्साहन भत्ता दिया जाए. ऐसी मांग कांग्रेस गुटनेता आबा बागुल और विपक्षी नेता दीपाली धुमाल ने की है. इससे सम्बंधित प्रस्ताव उन्होंने स्थायी समिति के समक्ष रखा है.
लॉकडाउन में कर्मियों को हुईं दिक्कतें
प्रस्ताव के अनुसार, लॉकडाउन के कारण आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी दैनिक सेवाओं के साथ-साथ होटल, रेस्तरां और भोजनालयों को बंद कर दिया गया था. परिणामस्वरूप कर्मचारियों को भोजन उपलब्ध नहीं कराया गया था. आवश्यक सेवाओं में मनपा के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को काम पर खतरा होने के बावजूद उन्हें सौंपी गई जिम्मेदारियों को ठीक से पूरा किया गया है. कोरोनो वायरस और इसके उपायों के तहत महापालिका द्वारा विभिन्न कोविड केंद्रों का गठन किया गया है. लॉकडाउन की अवधि के दौरान भी ज्यादातर विभाग कअधिकारी और कर्मचारी समय पर होते थे. 24 मार्च, 2020 से 17 मई, 2020 और 14 जुलाई, 2020 से 23 जुलाई, 2020 तक 65 दिनों की लॉकडाउन अवधि के दौरान, अनुबंध के आधार पर, मानदेय पर, कोरोना में काम करने वाले महापालिका के कर्मचारी वर्तमान में किए गए कार्य के अनुपात में दिन के अनुसार 150 रु. प्रतिदिन का प्रोत्साहन भत्ता दिया जाना चाहिए. ऐसी मांग कांग्रेस गुटनेता आबा बागुल और विपक्षी नेता दीपाली धुमाल ने की है. इससे सम्बंधित प्रस्ताव उन्होंने स्थायी समिति के समक्ष रखा है. इस पर समिति की आगामी बैठक में फैसला होगा.