मनसे ने खोला ग्राम देवता कसबा गणपति का मंदिर

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  • मंदिर खोलने को लेकर आक्रामक मनसे

पुणे. खुद को हिंदुत्ववादी पार्टी माननेवाली शिवसेना हिंदुत्व के नाम पर वोट मांगती है. अब वह सत्ता में है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सत्ता में होने पर सत्ता के लिए हिंदुत्व को छिपाती नजर आ रही है. ऐसा आरोप शहर मनसे द्वारा लगाया जा रहा है. मंदिर खोलने को लेकर मनसे आक्रामक दिखी. शहर मनसे द्वारा कसबा गणपति का द्वार भी खोला गया.

मनसे ने उठाए कई सवाल

इस बारे में मनसे के शहराध्यक्ष अजय शिंदे ने कहा कि सरकार ने राजस्व के लिए शराब स्टोर खोले हैं. लेकिन कोरोना के नाम पर मंदिर खोलने से डरती हैं; क्या कोरोना केवल मंदिर में है? महाराष्ट्र में मंदिर नहीं खोलने के लिए कौन वास्तव में मुख्यमंत्री पर दबाव डाल रहा है? अब यह बताने की जरूरत नहीं है. शिंदे ने आगे कहा कि महाराष्ट्र में सभी व्यवसाय शुरू हो गए हैं. न केवल शराब की दुकानों, होटलों, दुकानों में, बल्कि खाने और थूकने के बाद, कोरोना फैल सकता है. गुटखा भी हर जगह उपलब्ध है.  लेकिन सरकार मंदिरों को बंद करने के लिए मजबूर है क्योंकि कोरोना फैल जाएगा.

मंदिर शुरू करने की मांग मनसे अध्यक्ष ने की थी

शिंदे ने कहा कि अभी पिछले महीने, महाराष्ट्र में मंदिर से जुड़े लोगों ने मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे से मुलाकात की थी. उसके बाद राजसाहेब ने भी सरकार से मंदिरों को शुरू करने की मांग की.  लेकिन आंतरिक दबाव में सरकार मंदिरों को खोलने की अनुमति नहीं देती है. इसीलिए मनसे ने आज पुणे के ग्राम देवता कसबा गणपति मंदिर को खोला. मंदिर में जाकर एक प्रतीकात्मक घर बनाया और भगवान से जल्द से जल्द नागरिकों को कोरोना से मुक्त करने और लोगों को कोरोना से होने वाली बेरोजगारी और मुद्रास्फीति से बचाने का आग्रह किया. सरकार को भक्तों का अंत नहीं देखना चाहिए. मनसे के नगर अध्यक्ष अजय शिंदे ने चेतावनी दी कि भगवान को मुक्त कर दिया जाए वरना लोगों की भावनाएं भड़क उठेंगी. आज के आंदोलन में मनसे के नेता बाबू वागस्कर, विजयराव तडवालकर, प्रहलाद गवली, राम बोरकर, हेमंत बट्टे, सुनील कदम, राहुल गवली, नरेंद्र तम्बोली, प्रशांत मेट, गणेश नायकवाड़ी, सचिन कटकर मौजूद थे.