Pimpri Chinchwad Municipal Corporation

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    पिंपरी. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (National Commission for Scheduled Castes) ने पिंपरी चिंचवड़ महानगरपालिका आयुक्त (Pimpri Chinchwad Municipal Commissioner) को उत्तराधिकार के लंबित मामलों, अनुसूचित जाति के कर्मचारियों की रुकी हुई पदोन्नति और सड़कों की सफाई के दौरान मारे गए दो संविदा श्रमिकों के परिवारों के पुनर्वास में देरी के संबंध में नोटिस जारी किया है। आयोग के उप सचिव (Deputy Secretary) बी साहा (B Saha) ने इस नोटिस के जरिए शुक्रवार को पुणे के नए सरकारी विश्राम गृह में होने वाली सुनवाई में आयुक्त (Commissioner) राजेश पाटिल (Rajesh Patil) को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।

    जिला स्तरीय सतर्कता समिति के सदस्य अधिवक्ता सागर चरण ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, पिंपरी चिंचवड़ महानगरपालिका में कई वर्षों से उत्तराधिकार नियुक्ति के मामले ठप्प पड़े हैं। इस मामले में प्रशासन गुमराह कर रहा है और वारिसों को उनके नौकरी के अधिकारों से वंचित कर रहा है। कर्मचारियों की पदोन्नति में भी देरी हो रही है। दोनों मृतक श्रमिकों भरत दावखर और बालू सोनवणे के परिवारों को उनके बच्चों को मुफ्त घर, नौकरी और मुफ्त शिक्षा प्रदान करने में महानगरपालिका द्वारा उपेक्षित किया जा रहा है।

    हालांकि, मृत कर्मचारियों के परिवारों के पुनर्वास का आदेश राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के निदेशक कौशल कुमार ने राज्य के मुख्य सचिव को दिया था, लेकिन उस पर अमल नहीं हो रहा है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने इस पर संज्ञान लेते हुए महानगरपालिका आयुक्त राजेश पाटिल को नोटिस जारी किया है, इसकी सुनवाई पुणे में होगी। इस बीच, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के निदेशक कौशल कुमार ने नई दिल्ली में सुनवाई से अनुपस्थित रहने के लिए 8 और 9 जुलाई को आयुक्त को फटकार लगाई थी। ऐसे में पुणे में होनेवाली सुनवाई में आयुक्त मौजूद रहेंगे ?  इसको लेकर उत्सुकता बनी हुई है।