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पुणे. क्षमता से दोगुने कैदी वाले येरवड़ा सेंट्रल जेल का दबाव कम करने के लिए कदम उठाए जाने लगे हैं. राज्य सरकार ने चिखली के 50 एकड़ जमीन को कब्जे में लेकर वहां पर जेल बनाने का निर्णय लिया है. इसके लिए जमीन को हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है.

इस संदर्भ में खडकवासला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक भीमराव तापकीर ने वर्ष 2020-21 के बजट में कटौती का मामला उठाया था. इस पर राज्य के गृह राज्यमंत्री सतेज उर्फ बंटी डी. पाटिल ने लिखित उत्तर दिया है. उसका संदर्भ लेकर विधायक तापकीर को जानकारी दी गई है. 

येरवड़ा जेल का दबाव कम करने का प्रयास

येरवड़ा जेल में कैदियों की भीड़ को कम करने के लिए पिंपरी-चिंचवड मनपा के कार्यक्षेत्र में नया जेल बनाना अनिवार्य है. इसे देखते हए पिंपरी-चिंचवड नवनगर विकास प्राधिकरण की सीमा में चिखली गाव के गायन में 50 एकड़ जमीन निश्चित कर जमीन की चारों ओर की सीमा, जमीन का 7/12 उतार और अन्य डॉक्यूमेंट्स की जानकारी येरवड़ा जेल प्रशासन को देने, साथ ही जेल के लिए आरक्षित की गई जमीन के लिए गारंटी पत्र देकर जमीन उपलब्ध कराने के लिए बातचीत किए जाने की जानकारी गृह राज्यमंत्री पाटिल में अपने लिखित जवाब में दिया है.

येरवड़ा सेंट्रल जेल में बंद है क्षमता से अधिक कैदी 

येरवड़ा सेंट्रल जेल में कैदियों की क्षमता 2449 है. लेकिन फिलहाल यहां 5800 कैदी बंद हैं. सुधारगृह में हर कैदी के सोने के लिए जगह उपलब्ध नहीं है. फिलहाल हर कैदी को केवल 1.17 से 1.19 स्क्वेयर मीटर की जगह पर रहना पड़ता है. एक-दूसरे से संपर्क की वजह से 2.193 कैदियों में त्वचा रोग होने की जानकारी सामने आई है. येरवड़ा जेल में बैरक की संख्या बढ़ाने और येरवड़ा जेल की तरह अलग जेल के निर्माण के लिए सरकार से कार्रवाई करने की मांग विधायक तापकीर ने की है.