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    पिंपरी. कोरोना के मरीजों (Corona Patients) की बढ़ती संख्या ने अस्पतालों (Hospitals) में बेड खासकर आईसीयू (ICU) के वेंटिलेटर बेड (Ventilator Bed) की किल्लत खड़ी कर दी है। पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) के अस्पतालों में तो आईसीयू बेड की भारी किल्लत है। जो मरीज मनपा अस्पतालों में एडमिट हैं उन्हें भी आईसीयू में एडमिट करना पड़ता है। उनके लिए भी बेड उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। इसे ध्यान में लेकर मनपा कमिश्नर राजेश पाटिल ने एक अहम फैसला किया है। वह यह कि इससे आगे निजी अस्पतालों के आईसीयू में एडमिट मरीजों, जिन्हें आखिरी समय में मनपा अस्पतालों के आईसीयू में रेफर किया जाता है, को मनपा अस्पतालों के आईसीयू में एडमिट नहीं किया जाएगा।

    पिंपरी-चिंचवड मनपा ने शहर में 101 से अधिक कोविड अस्पतालों को मंजूरी दी है। गंभीर स्थिति उत्पन्न होने तक मरीज को निजी अस्पताल में भर्ती कराया जाता है। जब रोगी की स्थिति बहुत गंभीर हो जाती है, तो उसे मनपा अस्पताल भेजा जाता है।  रोगी की हालत ज्यादा गंभीर होती है और उसकी मौत हो जाती है तो मनपा को उसकी मौत का स्पष्टीकरण देना पड़ता है। कई मरीजों को शहर के कोविड अस्पताल में आईसीयू में भर्ती किया गया है। किसी कारण से इन रोगियों को मनपा आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया जाता है। इससे मनपा की आईसीयू यंत्रणा पर भारी दबाव बढ़ रहा है। उसी में अगर मरीज ज्यादा गंभीर स्थिति में है, और उसकी मौत हो जाती है तो उसका जवाब मनपा को देना पड़ता है। यह सब ध्यान में लेकर मनपा आयुक्त ने निजी अस्पतालों के आईसीयू में एडमिट मरीजों को मनपा अस्पतालों के आईसीयू में एडमिट नहीं करने का फैसला किया है। 

    बालेवाडी में क्वारंटाइन के लिए 150 बेड उपलब्ध 

    कोरोना के मरीजों का इलाज मनपा के वाईसीएम, जंबो कोविड सेंटर, ऑटो क्लस्टर कोविड सेंटर में किया जा रहा है। कुछ दिनों के इलाज के बाद मरीज ठीक हो रहे हैं। हालांकि, उन्हें क्वारंटाइन यानी अलगाव की जरूरत है। ऐसे मरीजों को धीरे-धीरे वापस सामान्य स्थिति में लाना पड़ता है। ऐसे मरीजों को तब तक अलगाव में रखा जाता है जब तक कि उनके लक्षण दूर न हो जाएं। ऐसे मरीजों के लिए, बालेवाड़ी के कोविड केयर सेंटर में 150 बेड उपलब्ध कराए जा रहे हैं।