No government policy regarding online education fee

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    पुणे. कोरोना काल में स्वास्थ्य के साथ-साथ लेन-देन का वित्तीय प्रभाव बड़े पैमाने पर महसूस किया गया है। राज्य सरकार द्वारा चिकित्सा सुविधाओं और टीकाकरण के बारे में पूछे जाने पर टाल मटोल सा जवाब दिया जा रहा है। केंद्र की मदद के बावजूद गठबंधन सरकार महज आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेल रही है। कोरोना काल में राज्य सरकार का कितना अच्छा प्रदर्शन है, यह सवाल भाजपा (BJP) की प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रा वाघ (Chitra-Wagh) ने उठाया है। 

    उन्होंने कहा कि सरकार की कोई नीति नहीं है कि ऑनलाइन शिक्षा (Online Education) के लिए स्कूलों को कितना शुल्क देना चाहिए। उन्होंने छात्रों के परिणाम में बाधा डालकर अभिभावकों को लूटने के लिए स्कूल (School) की भी आलोचना की। वे भारतीय जनता पार्टी के नगरसेवक अमोल बालवडकर की ओर से बानेर बालेवाड़ी में महिला कोविड योद्धाओं के सम्मान में एवं महिला सदस्य पंजीकरण अभियान के अवसर पर बोल रही थीं।

    राज्य सरकार को तय करनी थी नीति

    वाघ ने कहा कि स्कूल फीस एक अहम मुद्दा है।  राज्य सरकार को एक नीति बनाने की आवश्यकता थी कि स्कूली शिक्षा ऑनलाइन होने पर स्कूलों को कितनी फीस लेनी चाहिए। यह भी उन्होंने तय नहीं किया। फीस जमा नहीं होने के कारण स्कूलों में रिजल्ट नहीं दिया जा रहा है। सरकार को अब स्कूलों की मनमानी के खिलाफ कार्रवाई करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना में स्वास्थ्य के साथ-साथ भारी आर्थिक प्रभाव पड़ता है। सरकार पैकेज की घोषणा कर रही है, लेकिन हकीकत में रिक्शा चालकों ने महिला घरेलू कामगारों की मदद नहीं की है। 2014 के बाद घरेलू कामगारों का पंजीकरण नहीं हुआ है। 

    बिजली के बिल पर चुप हैं सरकार के मंत्री

    पांडमिक में राज्य सरकार का कितना अच्छा प्रदर्शन है। सबने देखा है इसलिए यह सरकार को नहीं समझाया जा सकता है। घरेलू हिंसा में वृद्धि हुई है, साथ ही पुलिस बल में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। कोविड की वजह से आर्थिक संकट से जूझ रहे लोगों को बिजली के बिल बढ़ने से ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार के मंत्री पर बिजली बिल के बारे में कुछ नहीं कहने का भी आरोप लगाया। इस अवसर पर भाजपा के नगर अध्यक्ष जगदीश मुलिक, नगरसेवक अमोल बालवडकर और पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे।

    इनका किया गया सम्मान 

    नगरसेवक अमोल बालवडकर द्वारा आयोजित इस सम्मान समारोह में डॉ. संपदा तांबोलकर, डॉ. आसावरी मांजरेकर, डॉ. रुपाली गुलवानी, डॉ. स्मिता इंगले, डॉ. शीतल चोपडे, डॉ. अर्चना डंगरे, डॉ. तृप्ती पारे, डॉ. सुषमा जाधव, डॉ. अनिता बापट खांदवे, डॉ. प्रीती नेवे, डॉ. प्रिया देशपांडे, डॉ. दीपाली चव्हाण, डॉ. निकिता लोणकर, डॉ. प्रमिला क्षीरसागर, डॉ. योगिता कचरे, डॉ. सोनाली शेलके, डॉ. अंकिता चव्हाण, डॉ. अमृता रॉड्रिग्ज, डॉ. जयश्री कर्पे, डॉ. माधवी राराविकर, डॉ. कोमल कापसे, डॉ. स्नेहल दुश्मन, डॉ. श्रद्धा आव्हाल, डॉ. सुश्मिता मोटे, डॉ. निकिता भोसे आदि महिला डॉक्टर्स साथ ही नमिता शेट्टी, कोमल मुजमाल, सुप्रिया घोरपडे, श्रद्धा मुदलीक, जेन्सी जॉन आदि महिला परिचारिका का सम्मान किया गया। साथ ही सुप्रिया सदाराम पांढरकर, वनिता विश्वास जाधव, रोहिणी तुकाराम पांढरकर, मयुरी राजेंद्र नलावडे, श्वेता सुभाष शिंदे आदि महिला पोलीस और महिला सामाजिक कार्यकर्त्या संगीता बाहेती, अंबिका नायर, वल्लरी कांबले,उल्का शाह, अंजली केसकर इन महिला कोविड योद्धाओं का सम्मान किया गया।