अब मोबाइल प्लान्ट के तहत कचरे पर प्रक्रिया

  • प्रायोगिक तौर पर प्रक्रिया शुरू
  • हर दिन 400 मैट्रिक टन से अधिक कचरे की समस्या
  • मनपा का खर्च भी कम होगा
  • दो और जगहों पर इसका प्रयोग होगा

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पुणे. फुरसुंगी में कचरा फेंकने को लेकर वहां के ग्रामीणों ने विरोध जताया है. इसलिए शहर में कचरे की समस्या बनी हुई है. हर दिन 400 मैट्रिक टन से अधिक कचरा कहां फेंके, ऐसी समस्या मनपा प्रशासन के समक्ष उत्पन्न हो गई है. इसको लेकर अब महापालिका की ओर से विभिन्न उपाय शुरू किए गए हैं.  महापालिका अब मोबाइल प्लान्ट के तहत कचरे पर प्रक्रिया करेगी. 

इस पर मनपा का खर्च भी कम आएगा. महापालिका द्वारा दिशा प्रकल्प में प्रायोगिक तौर पर प्रक्रिया करना शुरू किया गया है और 2 जगहों पर इसका प्रयोग किया जाएगा. कचरे पर प्रक्रिया कर इससे आरडीएफ तैयार किया जाएगा. करीब 500 टन से अधिक कचरे पर प्रक्रिया की जाएगी. ऐसी जानकारी महापालिका के अतिरिक्त आयुक्त डॉ कुणाल खेमनार ने दी.

ग्रामीणों को विश्वास में लिया जा रहा

फुरसुंगी के साथ ही उरुली देवाची के स्थानीय ग्रामीणों ने मिश्रित कचरे की प्रक्रिया का विरोध किया है. इसके अलावा अन्य परियोजनाओं में कचरे की डंपिंग करने का भी विरोध ग्रामीणों द्वारा किया गया है. हड़पसर में रोकेम प्रसंस्करण संयंत्र में आग लगने और शहर के नवनिर्मित प्रसंस्करण संयंत्र का विरोध करने वाले आंबेगांव में प्रदर्शनकारियों के कारण शहर की कचरे की समस्या बढ़ गई है. पिछले 100 दिनों से हर दिन शहर में 400 टन कचरा जमा होता है और हर जगह कचरे के ढेर दिखाई देते हैं. अक्टूबर में ऐन बारिश के दौरान, कचरे की वजह से शहर के नाले जाम हो गए थे. जिससे सड़कों पर पानी बहने लगा था. इसके चलते लोगों के स्वास्थ्य की समस्या उत्पन्न हो गई. इस बारे में पूछे जाने पर, खेमनार ने कहा कि प्रशासन ग्रामीणों के साथ चर्चा कर कचरा  डिपो और क्षेत्र की समस्याओं को हल करने के लिए सभी प्रयास कर रहा है. उसके लिए ग्रामीणों को विश्वास में लिया जा रहा है. शहर में कचरे पर प्रक्रिया  करने के लिए, पुणे कैंटोन्मेंट  बोर्ड की एक परियोजना में 100 टन कचरे का प्रसंस्करण शुरू किया गया है.

मोबाइल प्लांट के तहत तैयार किया जाएगा आरडीएफ

खेमनार की मानें तो शहर में 2100-2200 मैट्रिक टन कचरा जमा हो जाता है. इसमें से 1100-1200 टन कचरे पर मनपा के विभिन्न कचरा प्रक्रिया प्रकल्पों में प्रक्रिया की जाती है. 400-500 टन कचरा किसानों को दिया जाता है. लगभग 400 टन कचरे पर प्रक्रिया नहीं हो पा रही है. इसका हल निकालने के लिए हम अब मोबाइल प्लांट का इस्तेमाल करेंगे. इसके अनुसार, हड़पसर में दिशा परियोजना के परिसर में नई मशीनरी लगाए जाने की प्रक्रिया पूरी हो गई है. इसके लिए मनपा पर ज्यादा खर्चा नहीं आएगा. ऐसे कुल 3 जगहों पर प्रायोगिक तौर पर प्रकल्प बनाए जाएंगे. नतीजे अच्छे आने के बाद सम्बंधित कम्पनियों को इसका काम दिया जाएगा. खेमनार के अनुसार, प्लांट में कचरे पर प्रक्रिया कर उससे आरडीएफ तैयार किया जाएगा. इसे डिस्पोज करने का काम भी कंपनी को ही करना पड़ेगा. जल्द ही यह काम पूरा किया जाएगा. इसके माध्यम से शहर की कचरे की समस्या हल की जाएगी.

महापालिका अब मोबाइल प्लान्ट के माध्यम से कचरे पर प्रक्रिया करेगी. इसके लिए मनपा को खर्चा भी कम आएगा. महापालिका द्वारा दिशा प्रकल्प में प्रायोगिक तौर पर प्रक्रिया करना शुरू किया गया है. और 2 जगहों पर इसका प्रयोग किया जाएगा. कचरे पर प्रक्रिया कर इससे आरडीएफ तैयार किया जाएगा. 500 टन से अधिक कचरे पर प्रक्रिया की जाएगी. इसके माध्यम से शहर की कचरे की समस्या हल की जाएगी.

- डॉ. कुणाल खेमनार, अतिरिक्त आयुक्त, मनपा