कोरोना के संकटकाल में नौकरी छोड़ रही नर्सें

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– पुणे के प्राइवेट हॉस्पिटलों से अब तक 100 नर्सें दे चुकी हैं इस्तीफा

पुणे. पूरे महाराष्ट्र में मुंबई के बाद पुणे कोरोना का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट साबित हुआ है. यहां मरीजों का आंकड़ा साढ़े पांच हजार से अधिक को पार कर चुका है, जिसमें से 267 की मौत हो चुकी है. आए दिन जिले में मरीजों की संख्या बढ़ रही है. इसका भार जिले के अस्पतालों पर पड़ रहा है.

बेड्स की कमी न हो इसके लिए जिला प्रशासन ने निजी हॉस्पिटलों के बेड्स कोरोना मरीजों के आरक्षित रखने के आदेश दिए हैं. ऐसे हालातों में एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. पुणे के निजी हॉस्पिटलों में काम करनेवाली नर्सें कोरोना के भय से नौकरी छोड़ रही हैं. उसी में जब से प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष श्रमिक ट्रेनें शुरू की गई हैं तब से रोजाना औसतन सात नर्सें नौकरी से इस्तीफा दे रहीं हैं.

इस्तीफा नामंजूर कर सकते

जिला प्रशासन के साथ निजी हॉस्पिटलों के निदेशकों की दो दिन पहले हुई एक बैठक में इस मुद्दे को उठाया गया था. इसमें पुणे में निजी हॉस्पिटलों के निदेशकों ने कहा है कि कोरोना वायरस संकट के बीच बड़ी संख्या में नर्सें इस्तीफा देकर जा रही हैं जिससे इस महामारी से मुकाबला करने के प्रयासों में भारी दबाव का सामना करना पड़ रहा है. प्रवासी मजदूरों को उनके ग्रामगृह भेजने के फैसले के बाद से नर्सों के नौकरी छोड़ने का प्रमाण बढ़ गया है. नौकरी छोड़कर जाने वाली नर्सों में अधिकांश केरल की हैं. जिला प्रशासन का कहना है कि नर्सों को यह बताया जाना चाहिए कि महाराष्ट्र में आवश्यक सेवा कानून लागू है जिसके तहत अस्पताल नर्सों का “गैर जरूरी” इस्तीफा नामंजूर कर सकते हैं.

अस्पतालों की दिक्कतें बढ़ रही

पुणे में कोविड-19 के मरीजों के लिए निर्दिष्ट अस्पतालों में से शामिल एक निजी अस्पताल के कार्यकारी निदेशक कहा कि केंद्र व राज्य सरकार के आदेश के बाद प्रवासी मजदूरों के लिए जब से विशेष ट्रेनें चालू की गई हैं, तब से कम से कम सात नर्सें प्रतिदिन इस्तीफा दे रही हैं. लगभग सौ नर्सें पहले ही छोड़ कर चली गई हैं जिनमें से अधिकांश केरल से हैं. एक ओर मरीजों की संख्या बढ़ने से निजी अस्पतालों पर चिकित्सा का भार बढ़ रहा है. दूसरी ओर बड़े पैमाने पर नर्सों के नौकरियां छोड़ने से अस्पतालों की दिक्कतें बढ़ रही है.

ग़ौरतलब है कि पुणे जिले में रविवार तक कोरोना संक्रमितों की संख्या 5616 थी. जिसमें से 267 मरीजों की मौत हो चुकी है और 2905 मरीज ठीक होकर घर लौट गए हैं. फिलहाल 2444 मरीजों का इलाज जारी है जिसमें से 204 की हालत गंभीर है. अकेले पुणे शहर में संक्रमितों का आंकड़ा 4782 तक पहुंच गया है जिसमें से 255 की मौत हो चुकी है. हालांकि इनमें से 2550 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं.