बिर्ला हॉस्पिटल के नर्सिंग स्टाफ फिर स्ट्राइक पर

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पिंपरी. मैनेजमेंट की ओर से मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और बाउंसर्स के जरिये डराने- धमकाने का आरोप लगाते हुए पिंपरी-चिंचवड़ के चिंचवड स्थित आदित्य बिर्ला मेमोरियल हॉस्पिटल का नर्सिंग स्टाफ गुरुवार की सुबह फिर एक बार स्ट्राइक पर चला गया. हॉस्पिटल के स्टाफ ने आज सुबह से हॉस्पिटल के बाहर धरना आंदोलन शुरू किया. 

हॉस्पिटल प्रबंधन ने भरी बरसात में नर्सिंग स्टाफ के इस आंदोलन की सुध लेने की जरूरत नहीं समझी. हालांकि एक बयान जारी कर यह जरूर स्पष्ट कर दिया कि उनके स्टाफ को काम ही नहीं करना है, जो कि उनकी ड्यूटी है. प्रबंधन वैकल्पिक व्यवस्था करने में जुटा है.

कुछ दिन पहले भी थी हड़ताल

महामारी कोरोना के संकटकाल में वेतन वृद्धि, बीमा सुरक्षा, सुरक्षा संसाधन, कोविड भत्ता आदि मांगों के लिए बिर्ला हॉस्पिटल का नर्सिंग स्टाफ इससे पहले भी हड़ताल का हथियार उठा चुका है. हालांकि तब मैनेजमेंट की ओर से कहा गया कि हड़ताल जैसा हॉस्पिटल में कुछ हुआ ही नहीं. तब जैसे-तैसे मामला सुलझा लिया गया. मगर गुरुवार सुबह नर्सिंग स्टाफ के पुनः हड़ताल पर चले जाने से यह साफ है कि हॉस्पिटल में सब कुछ ठीक नहीं है और तब मैनेजमेंट की ओर से जारी किया गया बयान गलत था. आज सुबह से नर्सिंग स्टाफ ने पुनः हड़ताल शुरू कर दी. भरी बरसात में सैकड़ों कर्मचारी हॉस्पिटल के बाहर धरना प्रदर्शन करते रहे.

निम्न दर्जे का दिया जा रहा खाना

आंदोलन कर रहे स्टाफ का कहना है कि हॉस्पिटल प्रबंधन की ओर से उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है. उन्हें समय पर भोजन तक नहीं मिलता और जो मिलता है वह भी काफी हीन दर्जे का. मैनेजमेंट ने वेतनवृद्धि का आश्वासन दिया था मगर उसे पूरा नहीं किया. स्टाफ कम रहने से मौजूदा स्टाफ पर भारी वर्क लोड है और उन्हें 12- 12 घंटे ड्यूटी करनी पड़ रही है. जबकि कोविड हॉस्पिटल में छह घंटे की ड्यूटी का नियम बनाया गया है. मना करने पर इस्तीफे की मांग की जा रही है. हाउसकीपिंग के कर्मचारियों को नर्सिंग स्टाफ की यूनिफॉर्म दिए जा रहे हैं और वे नर्स को तरह हॉस्पिटल में घूमते हैं. इससे लोग उन्हें ही नर्स समझ बैठते हैं.

बाउंसर्स के जरिए धमकाया जाता है

इसके अलावा स्टाफ को अतिरिक्त वेतन नहीं दिया जा रहा, यूनिफॉर्म ठीक ठाक नहीं दिए जा रहे, रोटेशन की सिस्टम व्यवस्थित नहीं है. इस तरह की कई शिकायतों के साथ ही बिर्ला हॉस्पिटल के नर्सिंग स्टाफ ने आरोप लगाया है कि मैनेजमेंट की ओर से उन्हें बाउंसर्स के जरिये दबाव बनाया जा रहा है उन्हें डराया धमकाया जा रहा है. इन सभी त्रासगी के विरोध में हमनें आज आंदोलन का कदम उठाया. मैनेजमेंट ने भरी बरसात में उनके इस आंदोलन की सुध लेने की जरूरत नहीं समझी. उल्टे शाम को एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि आंदोलन कर रहे स्टाफ को काम ही नहीं करना है जोकि उनका अधिकार है. हम उन्हें फोर्स नहीं कर सकते. इसलिए हम वैकल्पिक व्यवस्था में जुटे हैं. हॉस्पिटल इंडस्ट्री मंदी से गुजर रही है इसके बावजूद हमनें वेतनवृद्धि दी और अप्रैल से कोविड भत्ता भी दिया जा रहा है.