पुणे. एक ओर कोरोना के मरीज और उनके रिश्तेदार रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) के लिए बेहाल हैं और दूसरी ओर इस जरूरत का नाजायज लाभ उठाते हुए कालाबाजारी (Black Marketing) करने वाले अभी भी मौके का फायदा उठाकर मालामाल होने की कोशिश कर रहे हैं। पुणे पुलिस (Pune Police) ने इस मामले में तीसरी कारवाई करते हुए 5 लोगों को गिरफ्तार (Arrested) किया है। उनके पास से 4 इंजेक्शन भी बरामद किया गया है।
पहली कार्रवाई में मोहम्मद महिरुख पठान (28), परवेज मैनुद्दीन शेख (36), इम्तियाज युसूफ अजमेरी (52), अश्विन विजय सोलखी (41) के खिलाफ चंदननगर पुलिस थाने और दूसरी कार्रवाई में रोहीदास बनाजी गोरे (47) के खिलाफ लोणीकंद थाने में इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई है। इन सबको गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में एफडीए के अधिकारियों ने सरकार की तरफ से शिकायत दर्ज कराई है।
पुणे पुलिस ने कालाबाजारी रोकने लगाई 10 टीमें
पुणे शहर में कोरोना का कहर बढ़ गया है। मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते उन्हें अस्पताल में बेड नहीं मिल रहा है। खासकर ऑक्सीजन, वेंटिलेटर बेड्स और कोरोना के इलाज में उपयुक्त रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कमी बड़े पैमाने पर है। इसलिए कुछ लोग रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहे हैं। इसे रोकने के लिए प्रशासन हर संभव कोशिश कर रही है। पुणे पुलिस की 10 टीम सिर्फ इसी के लिए तैयार की गई है।
तीसरी बड़ी कार्रवाई
दो अलग-अलग घटना में पुलिस ने अस्पताल और मेडिकल संबंधित व्यक्ति को इंजेक्शन का कालाबाजार करते पकड़ा है। अब पुणे पुलिस ने अलग-अलग दो कार्रवाई में 5 लोगों को गिरफ्तार कियाहै। पुणे नगर रोड पर चंदननगर पुलिस थाने की सीमा में पठान, शेख, अजमेरी और सोलखी को गिरफ्तार किया है। इन लोगों को आर्थिक फायदे के लिए इंजेक्शन बेचते हुए पकड़ा है। वे दवाई विक्रेता हैं। वहीं गोरे को केसनंद फाटा परिसर से पकड़ा है । उसके पास से दो इंजेक्शन जब्त किया गया है। पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता ने इस मामले में खुद ध्यान दे रहे हैं। इसे रोकने के लिए कमर कस ली है। इसलिए कुछ हद तक इस पर लगाम लागते हुए दिख रहा है। पुणे पुलिस की तीसरी बड़ी कार्रवाई है। पुलिस ने अपील की है कि लोगों को अगर कुछ संदिग्ध दिखे तो पुलिस को सूचना दे।