महाराष्ट्र के प्रति तिरस्कार के कारण ‘प्याज निर्यात प्रतिबंध’

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  •  कांग्रेस प्रवक्ता गोपाल तिवारी ने केंद्र पर साधा निशाना

पुणे. घरेलू प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला भाजपा सरकार ने ऐसे समय में लिया है जब देश की ‘निर्यात दर’ घट रही है, विदेशी मुद्रा की कमी हो रही है और आर्थिक मंदी बढ़ रही थी है. महाराष्ट्र के प्रति केंद्र सरकार को तिरस्कार होने के कारण ऐसा निर्णय लिया है. ऐसा आरोप कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गोपाल तिवारी ने लगाया. 

पुणे शहर जिला कांग्रेस द्वारा केंद्र सरकार के ‘प्याज निर्यात प्रतिबंध’ के फैसले के खिलाफ जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने आंदोलन किया गया. इस अवसर पर तिवारी बोल रहे थे.

 कांग्रेस द्वारा किया आंदोलन

इस अवसर पर कांग्रेस के शहर अध्यक्ष रमेश बागवे, बालासाहेब शिवकर, दीप्ति चौधरी, आबा बागुल द्वारा भाषण दिए गए. संगीता तिवारी, मीरा शिंदे आदि के साथ  पार्षद, पदाधिकारी, युवा कांग्रेस, कार्यकर्ता उपस्थित थे. जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने पुणे शहर जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से आंदोलन किया गया था. महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बालासाहेब थोरात के सुझाव पर, यह आंदोलन आज महाराष्ट्र में सभी स्थानों पर आयोजित किया गया था.  

किसानों के साथ अन्याय कर रही मोदी सरकार : बागवे

इस अवसर पर बोलते हुए शहर अध्यक्ष रमेश बागवे ने कहा कि दुनिया भर में तालाबंदी के दौरान, किसानों ने बड़ी कठिनाई के साथ प्याज का उत्पादन किया. किसानों को उम्मीद थी कि प्याज से अब चार पैसे ज्यादा मिलेगे, क्योंकि कीमतें बेहतर हो रही हैं. लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने अचानक निर्यात प्रतिबंध की घोषणा करके किसानों के साथ अन्याय किया है. बागवे के अनुसार, भारत में प्याज की दुनिया भर में मांग है.  इसकी आपूर्ति करने का भारत का श्रेय अंतरराष्ट्रीय बाजार में है.  

 प्रतिबंध तत्काल हटाने की मांग

मोदी सरकार के फैसले के कारण, पाकिस्तान के प्याज को कीमत मिलेगी और अपने ही देश में किसानों के साथ अन्याय होगा. प्रधानमंत्री को इसकी जानकारी नहीं है. एक हजार टन प्याज मुंबई बंदरगाह को निर्यात किया जा रहा है. कांग्रेस पार्टी केंद्र के अन्यायपूर्ण फैसले के खिलाफ आज राज्यव्यापी आंदोलन कर रही है, निर्यात प्रतिबंध को तत्काल हटाने की मांग कर रही है. बागवे ने कहा कि  पिछले कुछ दिनों में प्याज अच्छे दाम मिल रहे थे. निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले ने प्याज उत्पादकों और निर्यातकों को भी मुश्किल में डाल दिया है. उन्होंने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार को तुरंत इस मामले को देखना चाहिए और प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध हटाकर देखना चाहिए कि किसानों को चार पैसे अतिरिक्त कैसे मिल सकते हैं.