PMC AND CORONA

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    पुणे. कोरोना (Corona) के शुरूआती समय में जब शहर में कोरोना ने हड़कंप मचा रखा था, तब इसका प्रकोप रोकने के लिए पुणे महानगरपालिका प्रशासन (Pune Municipal Corporation Administration) ने अपने सभी कर्मियों को काम पर लगा दिए थे। जोखिम को देखते हुए महानगरपालिका ने कर्मियों के लिए 1 करोड़ का सुरक्षा कवर घोषित किया। कोरोना संक्रमण (Corona Infection) से अब तक मनपा के करीब 51 कर्मियों की मृत्यु हो चुकी है।  इन कर्मियों के परिवारों को अब नियमानुसार मदद मिलनी चाहिए। इस संबंध में सर्वदलीय नेताओं के साथ महापौर (Mayor) ने भी बैठक की थी। 25 लाख की मदद करने की दरखास्त महापौर ने मनपा कमिश्नर ( Pune Municipal Corporation Commissioner) से की थी। पहले चरण में 30 जुलाई तक मृत कर्मियों को मदद दी जाएगी, ऐसा फैसला लिया गया, लेकिन विरोध के चलते स्थायी समिति ने सभी कर्मियों के परिवारों को मुआवजा देने का निर्णय लिया। 

    15 परिवारों को धनराशि देने कमिश्नर ने पहले ही मंजूरी दे दी। अब और 26 कर्मियो का प्रस्ताव रखा गया है। 6 परिवारों में हो रहे झगडे़ के कारण उसे लंबित रखा गया है तो 4 कर्मी ठेका पर थे। उन्हें नियमानुसार मुआवजा नहीं मिल सकता। लेकिन 41 परिवारों को जल्द ही मुआवजा दिया जाएगा। ऐसा महानगरपालिका प्रशासन द्वारा कहा जा रहा है। लेकिन असल में कर्मियों के परिवारों को मदद नहीं मिल पा रही है। इससे सम्बंधित फाइल सिर्फ एक विभाग से दूसरे विभाग के चक्कर काट रही है।  मनपा प्रशासन का उदासीन रवैया इसके लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। 

    कोरोना सुरक्षा कवर देनेवाली पहली मनपा 

    महानगरपालिका ने अपने कर्मियों के लिए कोरोना सुरक्षा कवर योजना लागू की है। मनपा में पहले से ही मजदूर कल्याण निधि कार्यान्वित की गयी है। इसी निधि के तहत यह सहायता की जाएगी। महानगरपालिका प्रशासन के निर्देशानुसार इस योजना के लाभार्थी मनपा के कर्मी और अधिकारी जिन्हें कोरोना का काम दिया गया है, ऐसे सभी लोग होंगे। क्योंकि स्वास्थ्य विभाग के अलावा सभी विभागों के कर्मी और अधिकारियों को मनपा प्रशासन ने इस काम पर लगा दिया है। इसके तहत कर्मियों की मृत्यु हुई तो उसे 1 करोड़ की वित्तीय सहायता की जाएगी। अगर वारिस को नौकरी चाहिए तो नौकरी और 75 लाख की सहायता की जाएगी। इस योजना से संबंधित सभी अधिकार मजदूर कल्याण निधि समिति के पास रहेंगे। इसके अलावा अब कई योजनाएं लागू की हैं।

     51 मनपा कर्मियों की हुई है मौत  

    शहर में कोरोना का काम करते हुए अब तक 51 मनपा कर्मियों  की मौत हो चुकी है। तो 650 से अधिक कर्मी संक्रमित पाए गए हैं। इसमें सफाई कर्मियों की तादाद ज्यादा हैं। इसमें से करीब 450 से अधिक कर्मियों को डिस्चार्ज दिया गया है। इन कर्मियों के परिवारों को अब नियमानुसार मदद देने की प्रक्रिया प्रशासन द्वारा की जा रही थी। लेकिन सुरक्षा कवर पर मनपा अमल नहीं कर पा रही है क्योंकि इससे संबंधित प्रस्ताव को आम सभा की मंजूरी नहीं मिली है। इस बीच, इसको लेकर हाल ही में सर्वदलीय नेताओं के साथ महापौर ने बैठक थी। साथ ही आम सभा मंजूरी देगी, इस भरोसे प्रस्ताव पर अमल करें और उन्हें 25 लाख की मदद करें। ऐसी दरखास्त महापौर ने मनपा कमिश्नर से की थी। इसके अनुसार अब कर्मियों के परिजनों को 25 लाख की मदद मिलने का रास्ता साफ हुआ था। कमिश्नर ने इसे हरी झंडी दिखाई है।

    जल्द ही मुआवजा दिया जाएगा

    साथ ही प्रशासन के परिवारों को देने के लिए चेक भी तैयार किए है। पहले चरण में 30 जुलाई तक मृत हुए कर्मियों को मदद दी जाएगी। ऐसे 15 परिवारों को आगामी दो दिनों में धनराशि देने का फैसला हुआ था। लेकिन इस विरोध हो रहा था। इसके अनुसार स्थायी समिति ने सभी कर्मियों के परिवारों को मुआवजा देने का निर्णय लिया था। प्रशसन उस पर अमल कर रही है। अब 41 कर्मियों के परिवारों को मुआवजा मिलने का रास्ता साफ हुआ है। परिवारों को जल्द ही मुआवजा दिया जाएगा। ऐसा महानगरपालिका प्रशासन द्वारा कहा जा रहा है। लेकिन असल में कर्मियों के परिवारों को मदद नहीं मिल रही है। इससे सम्बंधित फाइल सिर्फ एक विभाग से दूसरे विभाग तक जा रही है। मनपा प्रशासन का उदासीन रवैया इसके लिए जिम्मेदार माना जा रहा है।