PMC, Fuel rate hike costs !

  • पर्याप्त प्रावधान ना होने से दूसरे काम से राशि का आवंटन

Loading

पुणे. देश में विगत कई महीनों से ईंधन (Fuel) के दर में वृद्धि (Rate Increase) हो रही है. केंद्र सरकार (Central Government) की ओर से ये दर कभी कम किए जाते हैं, तो कभी बढ़ाए जा रहे है. ये दर बढ़ जाने की वजह से महापालिका (PMC) को इसका झटका लगा है. 

विगत साल के अनुपात में जारी साल में ईंधन के लिए मनपा को ढाई करोड़ रुपए अतिरिक्त लगे हैं. फिलहाल तो प्रशासन के पास यह राशि नहीं है. इस वजह से अब यह राशि दूसरे काम से उपलब्ध करने से संबंधित प्रस्ताव प्रशासन द्वारा स्थायी समिति के समक्ष रखा था. इस पर अब समिति की बैठक में चर्चा होकर इसे मंजूरी दी गई है. 

कई गुना बढ़ चुके है दाम 

महापालिका प्रशासन के प्रस्ताव के अनुसार, महापालिका के खुद के 1305 वाहन हैं. प्रशासकीय कामकाज और उसका विस्तार बढ़ जाने की वजह से इस पर आनेवाली लागत भी बढ़ रही है. इस बीच, सरकार द्वारा लगातार किए जा रहे ईंधन बढ़ोतरी की वजह से महापालिका का भी नुकसान हो रहा है. अप्रैल माह में डीजल के दाम 49 रुपए प्रति लीटर थे. जो आज 75 रुपए हुए है. तो पेट्रोल के दाम 70 थे, जो अब 90 रुपए तक जा पहुंचे है. इससे महापालिका को जारी साल में अतिरिक्त ढाई करोड़ की लागत आई है. मनपा को हर साल उसके लिए 22 करोड़ की आवश्यकता होती है, लेकिन बजट में सिर्फ 18 करोड़ का प्रावधान होता है. इस साल तो 24 करोड़ की लागत आएगी. इस वजह से प्रशासन ने ढाई करोड़ के आवंटन का प्रस्ताव स्थायी समिति के समक्ष रखा था. जिसे मंजूरी दी गई है. 

विभाग के पास सेवकों की कमी 

वाहन विभाग में सेवकों की कमी वाहन विभाग को महसूस हो रही है. महापालिका प्रशासन के अनुसार, इस विभाग के लिए मनपा के पास करीब 788 पद मंजूर है, लेकिन इसमें से 248 पद रिक्त हैं. साथ ही बार-बार गैरहाजिर रहनेवाले सेवक, उनकी साप्ताहिक छुट्टियों की वजह से विभाग को करीब 792 ड्राइवरों की आवश्यकता है. साथ ही वाहनों की मरम्मत से संबंधित सेवकों के 386 पद मंजूर हैं, लेकिन उसमें से भी 244 जगह रिक्त हैं. इस वजह से वाहन मरम्मत को लेकर अड़चन हो रही है.