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  • पुणे के 446 बस मार्गों में एक भी मुनाफे वाला नहीं

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पुणे. शहर की जीवनदायिनी कही जानेवाली  पीएमपी (PMP) घाटे से बाहर भी नहीं आ पा रही है। पीएमपी प्रशासन (PMP Administration) का सही नियोजन न होने से पीएमपी घाटे (Loss) में जा रही है। हाल ही में पीएमपी का मनपा ने 2019-20 का जो ऑडिट (Audit) किया है। इसके माध्यम से जानकारी सामने आयी है कि पीएमपी के जितने भी 446 मार्ग हैं, उसमें खर्च से ज्यादा आय देनेवाला एक भी मार्ग नहीं है।

उल्लेखनीय है कि उल्टा इन मार्गों से पीएमपी का नुकसान हो रहा है। यानी पीएमपीको प्रति किमी पर 37.11 रुपए का घाटा उठाना पड़ रहा है। पीएमपी की ऑडिट रिपोर्ट (Audit Report) के माध्यम से यह जानकारी सामने आ रही है। 2017-18 में यह नुकसान प्रति किमी 25 रुपए था, तो 2018-19 में यह नुकसान 30 रुपए था। 

संचालन में 402 करोड़ का घाटा

ज्ञात हो कि पीएमपी की ओर से करीब 446 मार्गों पर बसें दौड़ाई जाती हैं, लेकिन इसमें से एक भी ऐसा मार्ग नहीं है, जिससे पीएमपी को फायदा हो सके। सभी मार्ग घाटे में ही जाने वाले हैं। जिन मार्गों पर ज्यादा नुकसान हो रहा है, ऐसे करीब 44 मार्ग पीएमपी की ओर से बंद किए गए हैं। 40 से 80 किमी तक दौड़नेवाले करीब 4 मार्ग हैं, उससे साल भर में 10 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। 31 से 40 किमी तक के करीब 45 मार्ग हैं, उससे 90 करोड़ का नुकसान हुआ है। 21 से 30 किमी तक के करीब 97 मार्ग हैं, उससे 161 करोड़ का नुकसान हुआ है। 11 से 20 किमी तक दौड़नेवाले करीब 167 मार्ग हैं, उससे 197 करोड़ का नुकसान हुआ है। तो 3 से 10 किमी तक दौड़नेवाले 73 मार्ग हैं, उससे 59 करोड़ का नुकसान हुआ है। ऐसे करीब 402 करोड़ का नुकसान इन मार्गों की वजह से पीएमपी का हुआ है।

मार्गों की फेररचना करना जरूरी 

इस बीच, पीएमपी के काफिले में जो बसें हैं, वह डेड होने की वजह से सड़कों पर दौड़ नहीं पाती। इससे भी पीएमपी का नुकसान हो रहा है। हर साल इसकी तादाद बढ़ती ही जा रही है। इस वजह से कई मार्गों की फेररचना करना आवश्यक बन गया है। सबसे ज्यादा घाटा 11 से 20 किमी के मार्गों पर हो रहा है। इस पर करीब 197 करोड़ का घाटा हुआ है। ऐसे करीब 167 मार्ग हैं। इन मार्गों की विशेषज्ञ सलाहकार द्वारा फेर रचना की जा सकती है। ऐसी सलाह मनपा ऑडिट ने सुझाई है। इस पर अब पीएमपी किस तरह से अमल करती है, यह देखना दिलचस्प होगा।