पीएमपीएमएल ने स्थगित की चीनी कंपनी की ई-बस सेवा

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– 350 बसों की खरीदी भी नहीं होगी

पुणे. पीएमपीएमएल द्वारा नागरिकों को एसी ई-बसों की सेवा देने वाली चीन की बीवाईडी ओल्नेट्रा कंपनी के साथ किए समझौते को रद्द करने संबंध में नोटिस भेजा गया है. इसके अलावा आने वाले समय में पीएमपी के काफिले में दाखिल होने वाली 350 बसों की खरीदी भी स्थगित की गई है.

पीएमपी प्रशासन द्वारा 500 एसी बसों को लेने का निर्णय लिया गया था. उसके अनुसार टेंडर प्रक्रिया पर अमल किया गया था.

3 महीने से बंद है एसी बसें

 जनवरी 2019 में पीएमपी के काफिले में सबसे पहले दस बसें ली गईं. बाद में चरणबद्ध तरीके से इन बसों को लिया गया, लेकिन अब कोरोना संक्रमण के मद्देनजर 24 मार्च से इन बसों को बंद रखा गया है. उसको अब 3 महीने पूरे होंगे. इस अवधि में पीएमपी को बड़ा आर्थिक घाटा सहना पडा है. इसके मद्देनजर पीएमपी प्रशासन द्वारा सभी कॉन्ट्रैक्ट सेवा रद्द करने का निर्णय पहले ही लिया गया था. उसके अंतर्गत एसी बस सेवा भी बंद की जाएगी. इस बारे में कागजातों पर कार्यवाही करने की जानकारी पीएमपी की सीएमडी नयना गुंडे और संचालक शंकर पवार ने दी.

 150 बसों के लिए अनुदान मिलने वाला था

पीएमपी संचालक मंडल की बैठक गत दिन हुई. इस बैठक में शेष 350 ई-बसों की खरीदी की प्रक्रिया भी स्थगित की गई है. इसके लिए टेंडर प्रक्रिया पर अमल किया गया था. उसमें चीन की बीवाईडी ओल्नेट्रा के साथ टाटा कंपनी द्वारा टेंडर जमा किए गए थे, लेकिन अब तक उस पर कोई फैसला नहीं हुआ था. केंद्र सरकार की योजना के अंतर्गत पीएमपी को 150 बसों के लिए अनुदान मिलने वाला था. लेकिन वर्तमान स्थिति में इन बसों को लेना पीएमपी को संभव नहीं होने से उन बसों की खरीदी भी स्थगित करने का निर्णय संचालक मंडल ने लिया.

कर्मचारियों को पूरा वेतन देने की मांग 

केंद्र सरकार ने इस योजना को दिसंबर 2020 तक अवधि बढाकर दी है. इस अवधि में इन बसों के बारे में विचार किया जाएगा. पीएमपी के कई कर्मचारियों को मई में 350 रुपए से 1500 रुपए तक वेतन मिला है. इन कर्मचारियों ने जितने दिन काम किया, उतने ही दिनों का वेतन उन्हें दिया गया है. ऐसा न करते हुए कर्मचारियों को पूरे महीने का वेतन देने की मांग की जा रही थी. इस मांग पर इस बैठक में चर्चा की गई, लेकिन पीएमपी की आर्थिक स्थिति खस्ता होने से वेतन देना संभव नहीं, यह प्रशासन ने स्पष्ट किया. इसलिए यह समस्या स्थाई रह गई.