Children Friendly Covid Hospital

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    पिंपरी. कोरोना की संभावित तीसरी लहर में छोटे बच्चों के प्रभावित होने का खतरा ज्यादा है। इसके चलते राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने स्थानीय निकायों को तैयारी और नियोजन करने के आदेश दिए हैं। इसके अनुसार पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) ने पिंपरी (Pimpri)स्थित अपने नए जीजामाता हॉस्पिटल (Jijamata Hospital) को पूरी तरह से ‘चिल्ड्रन फ्रेंडली’ कोविड हॉस्पिटल (Children Friendly Covid Hospital) के रूप में तैयार किया है। यहां छोटे बच्चों के लिए 50 और उनके अभिभावकों के लिए 50 कुल 100 बेड का प्रबंध किया गया है। यही नहीं यहां एडमिट होनेवाले बच्चों को खुशनुमा माहौल मिले इसके लिए यहां की दीवारों को उनके पसंदीदा कार्टून कैरेक्टर से रंग दिया गया है और यहां खिलौने भी रखे गए हैं।

    इस बारे में जीजामाता हॉस्पिटल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. बालासाहेब होडगर ने बताया कि फिलहाल कोरोना की दूसरी लहर थम गई है और तीसरी लहर आने की आशंका है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस लहर में बच्चों को अधिक खतरा है। इसके लिए महानगरपालिका प्रशासन तैयारी कर रहा है। 

    छोटे बच्चे अपने माता-पिता के साथ अस्पताल में रह सकेंगे

    यह योजना है कि छोटे बच्चे अपने माता-पिता के साथ अस्पताल में रह सकेंगे। वाईसीएम में छोटे बच्चों के लिए 150 ऑक्सीजन और 30 आईसीयू बेड होंगे। नवजात शिशुओं के लिए 15 और 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए 15 बिस्तर आरक्षित होंगे। चिखली की घरकुल परियोजना की चार इमारतों में कोविड केयर सेंटर शुरू किए जा रहे हैं जहां लक्षण रहित बच्चों को रखा जाएगा। पिंपरी के जीजामाता हॉस्पिटल में बच्चे अपनी माँ के साथ रह सके इसका प्रबंध किया गया है। 

    बच्चों के मनोरंजन के लिए खिलौनों का प्रबंध

    बच्चों के मनोरंजन के लिए खिलौनों का प्रबंध करने के साथ ही हॉस्पिटल को चिल्ड्रन फ्रेंडली बनाया गया है। बच्चों को अस्पताल से डर नहीं लगे, उन्हें खुश और उत्साहित रखने के लिए वॉल पेंटिंग की गई है। इस पर डोरिमोन, मोगली, जानवरों के विभिन्न कार्टून हैं। बच्चों को पेंट करने के लिए बोर्ड को पर्याप्त ऊंचाई पर रखा गया है। खिलौनों और गेंदों को कार, घर बनाने के लिए छोटे-छोटे ब्लॉकों में रखा जाता है।  कार्टून वाले पर्दे लगाए गए हैं और चादरें भी बदली जाएंगी। कार्टून वाली बेडशीट को बेड पर रखा जाएगा। बच्चों के साथ खेलने के लिए अलग सेक्शन बनाया गया है। चाक, कलर पेंट, कैरम जैसे खिलौने हैं जो बच्चों के लिए सुरक्षित हैं। कार्टून चैनलों वाला एक टीवी भी है। बच्चों को अस्पताल से डरना नहीं चाहिए। बच्चों को खुश और उत्साहित रखना इलाज का हिस्सा है। इससे बच्चों के इलाज में मदद मिलेगी और बच्चे नहीं डरेंगे भी नहीं। इसके लिए आयुक्त राजेश पाटिल और अपर आयुक्त विकास ढाकने के मार्गदर्शन में वास्तुकला विभाग ने पूरा सहयोग दिया।