निजी संस्था चलाएगी नागरी सुविधा केंद्र, 100 कर्मियों की भर्ती होगी

  • स्थायी समिति ने लगाई मुहर

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पुणे.  महापालिका नागरिकों को विभिन्न प्रकार की कार्यालय सेवाएं प्रदान करती है। इनमें टैक्स भुगतान, टैक्स प्रमाण पत्र, जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र, प्लंबिंग और मीटर कनेक्शन कार्य, स्वास्थ्य विभाग से संबंधित नर्सिंग होम, अस्पताल लाइसेंस, विभिन्न विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र आदि शामिल हैं। ये काम नागरी सुविधा केंद्रों (Civil facility centers) द्वारा किया जाता है। ऐसे 39 केंद्र हैं। इसमें मनुष्यबल की कमी महसूस हो रही है। इस वजह से इसे निजी संस्था को चलाने देने एवं इसमें 100 कर्मियों की भर्ती करने से सम्बंधित प्रस्ताव को मंगलवार की स्थायी समिति की बैठक में मंजूरी दी गई। ऐसी जानकारी स्थायी समिति अध्यक्ष हेमंत रासने ने दी।

भर्ती के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू थी

 सेवाओं के लिए महापालिका भवन या क्षेत्रीय कार्यालय के माध्यम से नागरिकों को उपरोक्त सभी सेवाओं को विकेंद्रीकृत कर सभी प्रकार के बिलों और प्रमाण पत्रों के प्रसंस्करण की सुविधा प्रदान करना, कम परेशानी में नागरिकों को एक जगह से अधिक सुविधाएं प्रदान करना, इसके लिए  सिविक एमेनिटी सेंटर यानी नागरी सुविधा केंद्र बनाए हैं। 39 स्थानों जैसे क्षेत्रीयकार्यालयों, नए शामिल गांवों में काम कर रहे हैं। सिविक एमेनिटी सेंटर चलाने के लिए 100 कर्मचारी  लेना आवश्यक है और इसके लिए निविदा प्रक्रिया किया गया था। जब टेंडर को सिविक एमेनिटी सेंटर चलाने के लिए बुलाया गया। तब धनदाई सॉल्यूशंस प्राइवेट लि., प्रियाटेक सॉल्यूशंस पुणे प्रा. लिमिटेड व विदर्भ इन्फोटेक प्रा.  लिमिटेड  इन तीन निविदाकारों ने भाग लिया। इसमें धनदाई सॉल्यूशंस प्रा. Ka दर Rs.16955.12 /- प्रति माह कर्मी है जो सबसे कम है।  इस वजह से इसे स्थायी समिति द्वारा इसे मंजूरी दी गई। ऐसी जानकारी रासने ने दी।

न्यूनतम वेतन देना जरूरी

इस मामले में, जैसा कि निविदा मनुष्यबल  प्रदान करने के लिए थी। ठेकेदार से ठेका श्रमिकों  सरकार द्वारा समय-समय पर संशोधित न्यूनतम मजदूरी दर के अनुसार न्यूनतम मजदूरी का भुगतान करना अनिवार्य है।  तदनुसार  हर महीने न्यूनतम वेतन में बदलाव के अनुसार न्यूनतम वेतन का भुगतान किया जाता है।  इस तरह की शर्तों को टेंडर में  उल्लेख किया गया है। निविदा की लागत को कवर करने के लिए सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग में पर्याप्त प्रावधान उपलब्ध है। ऐसा भी प्रस्ताव में कहा गया है।