‘क्रशिंग सीजन’ की चुनौतियों के लिए उचित नियोजन करें शुगर फैक्टरियां

  • शक्कर कमिश्नर शेखर गायकवाड का आवाहन

Loading

पुणे. कोरोना महामारी के प्रकोप ने आज सभी क्षेत्रों पर गंभीर असर किया है. ऐसी स्थिति में आने वाले ‘क्रशिंग सीजन’ में चीनी मिलों को भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. इस संकट से सफलतापूर्वक उबरने के लिए सभी शुगर फैक्टरियों को दिए गए दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए फैक्टरी स्तर पर उचित व्यवस्था स्थापित करें. ऐसा आवाहन शक्कर कमिश्नर शेखर गायकवाड ने किया.

30 शुगर फैक्टरियों के 35 प्रतिनिधि उपस्थित

पुणे के वैकुंठ मेहता नेशनल इन्स्टिट्यूट ऑफ को-ऑपरेटिव मैनेजमेंट की ओर से कोविड-19 संकट में शुगर फैक्टरियों के प्रबंधनों के लिए एक मार्गदर्शक वेबिनार का आयोजन हाल ही में किया गया. इस वेबिनार में प्रमुख मार्गदर्शक के तौर पर वे बोल रहे थे. वेबिनार में करीब 30 शुगर फैक्टरियों के 35 प्रतिनिधि उपस्थित थे. विभिन्न विषयों पर इस वेबीनार में विस्तार से चर्चा की गई. शेखर गायकवाड ने शुगर फैक्टरियों के प्रबंधन को मार्गदर्शन करते हुए विभिन्न तरह के सुझाव दिए.

 भविष्य में 12 लाख लीटर इथेनॉल की जरूरत पड़ेगी

इथेनॉल के प्रबंधन के संदर्भ में वसंतदादा शुगर मिल्स के अल्कोहोल टेक्नोलॉजी विभाग के डॉ. संजय पाटिल ने इथेनॉल उत्पादन के संदर्भ में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इथेनॉल उत्पादन के लिए केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत शुगर फैक्टरियों को प्रयास करना चाहिए. आने वाले समय में पेट्रोल में इस्तेमाल होने के चलते भविष्य में 12 लाख लीटर इथेनॉल की आवश्यकता होगी.

गन्ना कटाई के लिए आधुनिक तकनीक और मशीनों का इस्तेमाल जरुरी

गन्ना कटाई और परिवहन प्रबंधन पर बोलते हुए पूर्व सीएमडी विजय औताड़े ने कहा कि इस समय शुगर फैक्टरियों के समक्ष मजदूरों की कमी की समस्या काफी अधिक है. ऐसे में मजदूरी दर  को बढ़ाना पड़ेगा, लेकिन इसका असर शुगर फैक्टरियों के कामकाज पर होगा. ऐसे में गन्ना कटाई के लिए आधुनिक तकनीक और मशीनों का इस्तेमाल जरुरी है.

प्रबंधन का स्तर सुधारें चीनी मिल

पी. जी. मेढे ने चीनी उत्पादन में वृद्धि, क्री मूल्य, भंडारण उपलब्धता, ऋण का पुनर्निर्धारण, चीनी निर्यात नीति, सहायक दावों का निपटान के संदर्भ में विस्तार से मार्गदर्शन दिया.वेबिनार का संचालन करते हुए डॉ. यशवंत पाटिल ने चीनी मिलों को किस तरह से तकनीकी प्रबंधन करना चाहिए इसके संदर्भ में विस्तार से मार्गदर्शन किया. शुगर फैक्टरियां जल्द से जल्द आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर अपने प्रबंधन का स्तर सुधारें, ऐसा आवाहन उन्होंने किया.