समान काम, समान दाम के लिए डॉक्टरों का आंदोलन

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पिंपरी. कोरोना के विरोध में अपनी जान की बाजी लगाकर लड़ रहे पिंपरी-चिंचवड मनपा के वाईसीएम हॉस्पिटल के सीपीएस निवासी डॉक्टरों ने सोमवार को समान काम समान दाम का नारा लगाते हुए उनके विद्यावेतन में बढ़ोतरी की मांग के लिए आंदोलन किया. 

कोरोना के खिलाफ जारी जंग में हम भी अपनी जान की बाजी लगाकर लड़ रहे हैं, बदले में हमें मामूली मानदेय दिया जा रहा है, जबकि समान काम कर रहे वाईसीएम के दूसरे चिकित्सा अधिकारियों को मोटा वेतन मिल रहा है. मुंबई मनपा की तरह हमारे विद्यावेतन में बढ़ोतरी की जाए, यह मांग आंदोलनकारी डॉक्टरों ने की.

टालमटोल की भूमिका अपना रहा मनपा और वाईसीएम प्रशासन 

वाईसीएम हॉस्पिटल में अगस्त 2018 से 33 डॉक्टर 24 हजार 800 रुपए के मानदेय पर काम कर रहे हैं. इन दिनों कोरोना का आतंक फैला हुआ है. ये डॉक्टर अपनी जान को जोखिम में डालकर 24 घंटे मरीजों की सेवा कर रहे हैं. उनको मिलने वाले मानदेय में उनका निबाह होना कठिन बनता जा रहा है. डॉक्टरों ने कई बार अपना मानदेय बढ़ाने की मांग की मगर मनपा और वाईसीएम प्रशासन लगातार टालमटोल की भूमिका अपना रहा है, यह शिकायत भी आंदोलनकारी डॉक्टरों ने की. सरकारी मेडिकल कॉलेज, ठाणे मनपा में समान विद्यावेतन दिया जा रहा है, वहां कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा.

कई बार मांग की गई

मुंबई मनपा ने भी कोरोना की गंभीरता को समझते हुए तत्काल सीपीएस डॉक्टरों के विद्यावेतन में बढ़ोतरी की. इसकी ओर ध्यानाकर्षित करते हुए डॉक्टरों ने कहा कि हम एमबीबीएस डॉक्टर हैं और अन्य निवासी डॉक्टर्स व चिकित्सा अधिकारियों की तरह ही अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं.समान काम रहने के बाद भी उनके वेतन और हमारे विद्यावेतन में जमीन आसमान का अंतर है. इस अंतर को दूर करने के लिए कई बार मांग की गई. फिर भी भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है.लगातार हमारी मांग की उपेक्षा की जा रही है, प्रशासन की उदासीनता से सीपीएस डॉक्टरों में निराशा का माहौल है.