गुरुवार को मराठा क्रांति मोर्चा का विरोध प्रदर्शन

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  •  जिलाधिकारी कार्यालय के सामने करेंगें आंदोलन

पुणे. मराठा क्रांति मोर्चा पुणे जिला की ओर से गुरुवार (17 सितंबर) को सुबह 11 बजे जिलाधिकारी कार्यालय में प्रदर्शन किया जाएगा. इस अवसर पर जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन दिया जाएगा. ऐसी जानकारी मराठा क्रांति मोर्चा के समन्वयक राजेंद्र कोंढरे , सचिन आड़ेकर, हनुमंत मोटे, अमर पवार, बालासाहेब अमराले, युवराज डिस्कल, श्रुतिका पाडले, मीना जाधव और अन्य ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में दी. 

 रखी जाएगी मांगे 

इन लोगों ने बताया कि इस दिन, मराठा क्रांति मोर्चा की विभिन्न मांगों को सरकार के ध्यान में लाया जाएगा.  सुप्रीम कोर्ट ने पीठ को मराठा आरक्षण की बात का हवाला देते हुए स्थगन का आदेश दिया है.  राज्य सरकार, संविधान विशेषज्ञों के परामर्श से, अधि स्थगन को उठाने के लिए आवश्यक कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए.  पहला विकल्प मुख्य न्यायाधीश के पास आवेदन करना है और एक घटना पीठ की स्थापना करके स्थगन को उठाने की कोशिश करना है. ऐसी मराठा क्रांति मोर्चा के नेताओं ने मांग की. मोर्चा के नेताओं के अनुसार  प्रवेश और नियुक्तियों, जिनकी घोषणा की गई है, को अदालत के आदेश से पहले संरक्षित किया जाना चाहिए. सरकार को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मराठा आरक्षण स्थगित होने के कारण छात्रों को वित्तीय नुकसान न हो. 

 मामले वापस लेने की मांग 

मराठा क्रांति मोर्चा के नेताओं ने मराठा क्रांति मोर्चा आंदोलन में दर्ज 43 मामलों को तत्काल वापस लेने की मांग की. 1993 से 2019 तक, मुंबई उच्च न्यायालय, नागपुर उच्च न्यायालय, साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने पदोन्नति आरक्षण, बिंदु नामकरण, पीईएसए अधिनियम, फर्जी जाति प्रमाण पत्र, समीक्षक आरक्षण के संबंध में कई निर्णय दिए हैं.  हालांकि, मराठा क्रांति मोर्चा के नेताओं ने कहा कि सरकार ने वोटों की राजनीति में कई खामियों को दूर करके इन फैसलों को लागू करने की अनुमति नहीं दी है. हालांकि, मराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के स्थगन आदेश की घोषणा के बाद, भले ही यह अदालत की वेबसाइट पर नहीं दिखाई दिया, लेकिन शिक्षा विभाग ने तुरंत मराठा प्रवेश को स्थगित कर दिया. इससे यह स्पष्ट है कि सरकार कैसे नुकसान पहुंचाती है. मराठा क्रांति मोर्चा के नेताओं ने कहा कि अब तक सरकार द्वारा सभी कानूनों, नियमों, शर्तों का मराठा समुदाय पर बोझ डाल दिया है.