पुणे. सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) को लेकर आम सभा ने मंजूरी दी है। आम सभा ने मंजूरी देकर 2 माह होने के बावजूद भी अभी तक प्रस्ताव (Proposal) राज्य सरकार (State Government) के पास नहीं गया है। नगरसचिव विभाग द्वारा प्रस्ताव कमिश्नर के पास भेजा गया है। कमिश्नर (Commissioner) ने इसे सामान्य प्रशासन व लेखा विभाग के पास भेजा है, लेकिन दोनों विभाग जिम्मेदारी लेने तैयार नहीं है। एक दूसरे पर जिम्मेदारी ढकेल रहे हैं। इससे सरकार के पास प्रस्ताव भेजने में देरी हो रही है। इससे मनपाकर्मी परेशान है। मनपा कामगार यूनियन और विभिन्न संगठनों द्वारा आक्रमक रवैया अपनाया गया था। 27 मई तक प्रस्ताव सरकार को नहीं गया तो मनपा कर्मी गुरुवार से आंदोलन (Protest) करेंगे। ऐसा यूनियन द्वारा कहा गया था। इसके अनुसार, कर्मियों ने गुरुवार को काला फीता बांधकर आंदोलन किया।
इस आंदोलन ने रंग लाया क्योंकि अब वेतन आयोग का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास जाने का रास्ता साफ हुआ है क्योंकि वित्त व सामान्य प्रशासन विभाग का झगड़ा खत्म हुआ है। वित्त विभाग ने कामगार सलाहकार के माध्यम से सामान्य प्रशासन विभाग को यह प्रस्ताव भेजा। अब उसे कमिश्नर के पास भेजा जाएगा। कमिश्नर जल्द ही उसे सरकार के पास भेजेंगे।
मनपा भवन व क्षेत्रीय कार्यालयों में किया आंदोलन
महापालिका कर्मियों के ग्रेड पे की वजह से यह मामला अटका हुआ था। नतीजा प्रशासन द्वारा यह प्रस्ताव नहीं रखा जा रहा था। कमिश्नर ने ग्रेड पे व वेतनबैंड का सूत्र रखकर सुधारित वेतनश्रेणी लागू की है। हाल ही में सत्ताधारी पार्टी ने ऑनलाइन सभा लेकर इस पर चर्चा करने का प्रयास किया था, लेकिन नगरसेवकों ने उप सुझावों की बारिश की। कुल 41 उपसुझाव आए थे। उसमें से 22 मंजूर किए तो 19 विसंगत होने के कारण ख़ारिज किया। इसे 10 मार्च को मंजूरी दी है। महापालिका प्रशासन की मानें तो आम सभा की मंजूरी मिलने के बाद इस पर महापौर के हस्ताक्षर होते है। बाद में यह प्रस्ताव नगरसचिव के पास आता है। नगरसचिव कार्यालय द्वारा उसे मनपा कमिश्नर के पास भेजा जाता है। कमिश्नर उसे लेखा अधिकारी व सामान्य प्रशासन विभाग के पास भेजते है। बाद में फिर प्रस्ताव कमिश्नर के पास जाता है। उसके बाद कमिश्नर सरकार के पास भेजते हैं, लेकिन 2 माह के बाद भी यह प्रस्ताव मनपा में ही रूका हुआ है क्योंकि ये दोनों विभाग इसकी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं थे। इस वजह से फिर एक बार यह प्रस्ताव मनपा में अटका था, लेकिन इसको लेकर मनपा कामगार यूनियन ने आक्रमक रवैया अपनाया था। 27 मई तक प्रस्ताव सरकार को नहीं गया तो मनपाकर्मी गुरुवार से आंदोलन करेंगे। ऐसा यूनियन द्वारा कहा गया था। यूनियन द्वारा इसके लिए वित्त विभाग को जिम्मेदार माना है। गुरुवार से सभी कर्मी काला फीता लगाकर काम करेंगे, ऐसा यूनियन ने कहा था। साथ ही आगामी तीव्र आंदोलन करने की चेतावनी भी यूनियन ने दी थी। इसके अनुसार मनपा कर्मियों द्वारा गुरूवार को आंदोलन किया गया। मनपा भवन साथ ही क्षेत्रीय कार्यालयों में कर्मियों ने आंदोलन किया।
विभागों के विवाद का भी हुआ हल
कर्मियों के इस आंदोलन ने रंग लाया क्योंकि अब वेतन आयोग का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास जाने का रास्ता साफ हुआ है क्योंकि वित्त व सामान्य प्रशासन विभाग का झगड़ा खत्म हुआ है। वित्त विभाग ने कामगार सलाहकार के माध्यम से सामान्य प्रशासन विभाग को यह प्रस्ताव भेजा। अब उसे कमिश्नर के पास भेजा जाएगा। कमिश्नर जल्द ही उसे सरकार के पास भेजेंगे। मनपाकर्मी विगत कई सालों से इसकी राह देख रहे थे क्योंकि राज्य में सभी मनपाओं में वेतन आयोग लागू हुआ है। पुणे मनपा का मामला ग्रेड पे के चलते रूका था। लेकिन अब आयोग लागू होने का प्रस्ताव साफ हुआ है। इससे मनपा कर्मियों में ख़ुशी की लहर है।
सातवें वेतन आयोग का प्रस्ताव पारित हुए 2 महीने से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन फिर भी प्रस्ताव सरकार को अनुमोदन के लिए नहीं गया। 50,000 की अनामत राशि भी संगठन की बार-बार मांग के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। प्रस्ताव भेजने में जानबूझकर देरी की जा रही है। हमने आंदोलन शुरू किया था। जब तक प्रस्ताव सरकार के पास भेजा नहीं जाता। तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा।
-प्रदीप महाडिक, अध्यक्ष, पीएमसी एम्प्लॉइज यूनियन
हमारा आग्रह है कि महापालिका के कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग को तत्काल लागू किया जाए। इस संदर्भ में दो दिन पहले प्रशासन के अधिकारियों की बैठक हुई थी और प्रस्ताव को तत्काल मंजूरी के लिए राज्य सरकार के पास भेजा जाए, ऐसे निर्देश उन्हें दिए गए है।
-गणेश बिडकर, सभागृह नेता, पीएमसी
वेतन आयोग का प्रस्ताव तैयार हुआ है। अब उसे जल्द ही कमिश्नर के माध्यम से राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा। सरकार के मंजूरी के बाद उसे लागू किया जाएगा।
-उल्का कलसकर, मुख्य लेखा व वित्त अधिकारी, पीएमसी