Hemant Rasne

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    पुणे. महानगरपालिका (Municipal Corporation), वन विभाग (Forest Department) और स्थानीय नागरिकों (Local Citizens) की भागीदारी से वर्ष 2022 से 2027 की अवधि के लिए शहर में वनों के संरक्षण और संरक्षण के उद्देश्य से आगामी पांच वर्षों के लिए 5 करोड़ 25 लाख रुपये की लागत से अगले पांच वर्षों में  स्थायी समिति ने 26 करोड़ 25 लाख रुपये के वित्तीय प्रावधान को मंजूरी दी है। यह जानकारी स्थायी समिति के अध्यक्ष (Chairman Standing Committee) हेमंत रासने (Hemant Rasne) ने दी।  

    वन प्रबंधन योजना  केंद्र

    सरकार ने वन विभाग, स्थानीय निकायों और ग्रामीणों की भागीदारी से वनों के संरक्षण और संरक्षण के उद्देश्य से 1988 में ग्रामीण क्षेत्रों में संयुक्त वन प्रबंधन योजना शुरू की। इसी क्रम में पुणे शहर में 2006 में वन विभाग, पुणे नगर निगम और स्थानीय नागरिकों की भागीदारी से शहरी संयुक्त वन प्रबंधन शुरू किया गया था। इसके लिए संयुक्त वन प्रबंधन समितियों का गठन किया गया। इस बारे में हेमंत रासने कहा, ‘इस योजना के लिए 2006 से 2011 की अवधि के लिए 10 करोड़ 23 लाख रुपये की धनराशि मुहैया कराई गई थी। जिसमें से 9 करोड़ 61 लाख रुपये के विकास कार्य किए गए।  2014 से 2019 की अवधि के लिए 4 करोड़ 80 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई, जिसमें से 2 करोड़ 31 लाख रुपये विकास कार्यों पर खर्च किए गए। राशि सिविल संयुक्त वन प्रबंधन के बैंक खाते में जमा करा दी गई है। अव्ययित राशि पर लगभग 69 लाख 85 हजार रुपये ब्याज वसूल किया गया है। आगामी पांच वर्षों में भाम्बुर्डा और वारजे वन क्षेत्रों में विभिन्न विकास कार्यों के लिए 26 करोड़ 25 लाख रुपये का वित्तीय प्रावधान किया गया है। यह निर्णय वृक्ष संरक्षण समिति ने अपनी 15 जून की बैठक में लिया था।

     1 हजार 826 एकड़ वन क्षेत्र

    रासने ने आगे कहा, ‘पुणे शहर क्षेत्र में करीब 1 हजार 826 एकड़ वन क्षेत्र है। इस योजना के तहत प्रथम चरण में कुल 988 एकड़, पचगांव-पार्वती में 613 एकड़, भांबुर्डा वन मंडल में 250 एकड़ और वारजे में 125 एकड़ में वन संरक्षण का कार्य शुरू किया गया है। दूसरे चरण में इस योजना का विस्तार पचगांव-पार्वती, भांबुर्डा, वारजे संभागों सहित कोथरुड, धानोरि वन क्षेत्रों में किया गया। सुरक्षा दीवार के साथ वन क्षेत्र का निर्माण किया गया, वृक्षारोपण, नर्सरी, जल निकासी, सुरक्षा गार्ड नियुक्त किए गए।  आज के फैसले से शहर की वनसृस्टि को बंपर बूस्टर मिलने की उम्मीद है।