क्षयरोग निर्मूलन मुहिम में पुणे मनपा 10 वें स्थान पर!

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– पहले 61 वीं रैंकिंग थी

पुणे. केंद्र सरकार की ओर से क्षयरोग यानी टीबी को नष्ट करने के लिए राष्ट्रीय क्षयरोग निर्मूलन मुहिम चलाई जा रही है. इसके तहत पुणे मनपा को भी सहभागी कर इसको लेकर टारगेट दिया गया था. महापालिका स्वास्थ्य विभाग ने यह टार्गेट लगभग 89% पूरा कर लिया है.

 जिसकी वजह से मनपा की रैंकिंग 10 वें स्थान पर आ गयी है जो पहले 61 वें स्थान पर थी. स्वास्थ्य विभाग ने विगत साल भर में इस पर काफी मेहनत की. इस वजह से मनपा को यह रैंकिंग प्राप्त हुई है. ऐसी जानकारी महापालिका की सहायक स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वैशाली जाधव ने दी.

 89% टार्गेट अचीव किया

ज्ञात हो कि देश में टीबी की बीमारी से मरनेवालों की तादाद बढ़ती जा रही है. इस वजह से केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय क्षयरोग निर्मूलन अभियान चलाया जा रहा है. राज्य के लगभग 26 शहरों ने इसमें सहभाग लिया. पुणे शहर ने इसमें खासा अच्छा काम किया है. इस बारे में डॉ. वैशाली जाधव ने बताया कि औसतन 1 लाख लोगों में 199 टीबी के मरीज हमें मिलते हैं.  इसके अनुसार मनपा को करीब 7450 मरीजों का टारगेट दिया गया था. उसमें से 6621 मरीजों को हमने ढूंढ कर उनका उपचार किया. लगभग 89% टारगेट हमने अचीव कर लिया है.  

मरीजों की विभिन्न प्रकार की जांच करनी होती है

डॉ. जाधव के अनुसार इस कार्यक्रम के तहत 9 क्राइटेरिया के तहत काम करना पड़ता है. जिसमें 100 इंडिकेटर्स होते हैं उन्हें 100 प्वाइंट दिए जाते हैं. इस क्राइटेरिया के तहत टीबी से संबंधित मरीजों की विभिन्न प्रकार की जांच करनी पड़ती है. डॉ जाधव ने  कहा कि इसमें मरीज की HIV टेस्ट करनी पड़ती है. इस क्राइटेरिया के तहत वर्ष 2018 में सिर्फ 7% काम हुआ था, लेकिन 2019 में यह काम 89% काम पूरा किया गया. ड्रग रेसिस्टेन्स टेस्ट का काम भी 2018 में सिर्फ 50% प्रतिशत हुआ था. 2019 में यह काम 99% पूरा किया गया. मिक्षय पोषण योजना के तहत 66% प्रतिशत काम पूरा किया गया है. जो 2018 में सिर्फ 10% था. डॉ जाधव के अनुसार इसे केंद्र व राज्य सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता है. 2018 में इस पर 75% खर्चा किया गया था. तो 2019 में 80% खर्चा किया गया. इसी विभिन्न काम के आधार पर मनपा को 10वीं रैंकिंग प्राप्त हुई है.

सरकार द्वारा निर्देश पर सालभर में काफी मेहनत ली गई. मनपा कर्मी के साथ ही निजी केमिस्ट के साथ बैठकें कर विभिन्न इलाकों को, घरों का दौरा किया. इसके माध्यम से ज्यादा से ज्यादा मरीजों को अवेयर किया गया. साथ ही इसको लेकर लगातार फॉलोअप किया गया. इससे अच्छी रैंकिंग मिल पाई है. इस सफलता से बेहद खुशी मिल गई है. -डॉ. वैशाली जाधव, सहायक स्वास्थ्य अधिकारी, मनपा