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  • अब तक की सबसे ज्यादा आय

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पुणे. पुणे महानगरपालिका (Pune Municipal Corporation) प्रशासन की ओर से टैक्स वसूली के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं क्योंकि इसी माध्यम से पुणे महानगरपालिका (PMC) को सबसे ज्यादा आय (Income) मिल जाती है. नतीजा महानगरपालिका को विकास काम करने में राशि मिल जाती है. 

जारी वित्तीय साल में प्रशासन (Administration) और स्थायी समिति (Standing Committee) द्वारा टैक्स (Tax) से उचित आय मिलाने ‘अभय योजना’ (Abhay Yojana) भी लागू की है. इसके नतीजे अब देखने को मिल रहे है. क्योंकि महापालिका को सिर्फ 9 माह में 1265 करोड़ की आय मिल चुकी है. यह आय आज तक के मनपा के इतिहास में सबसे ज्यादा आय है. शेष 95 दिनों में और आय मिलेगी. ऐसा भरोसा टैक्स विभाग प्रमुख विलास कानडे (Vilas Kanade) ने व्यक्त किया. 

Pune Municipal Corporation Tax income created history, income of 1265 crores in 9 month

जारी है ‘अभय योजना’ 

टैक्स पर तीन गुना जुर्माना और जुर्माना से टैक्स बकाया में भारी वृद्धि हुई है. पिछले साल की बारिश की पृष्ठभूमि और इस साल कोरोना के प्रकोप के कारण हुई आर्थिक तंगी के चलते बकाया राशि वसूलने के लिए बकाया राशि पर लगाए गए 2 प्रतिशत जुर्माने पर 80 प्रतिशत छूट दी जानी चाहिए. इसके लिए स्थायी समिति सदस्यों ने 2 अक्टूबर से 30 नवंबर तक टैक्स ‘अभय योजना’ लागू करने का प्रस्ताव दिया था.  इस प्रस्ताव को स्थायी समिति ने मंजूरी दी थी. इसके अनुसार, इस योजना को खासा प्रतिसाद मिला. ‘अभय योजना’ पर प्रभावी तरीके से अमल हो, इसके लिए टैक्स विभाग को अतिरिक्त कर्मी मुहैया कर दिए थे क्योंकि पीएमसी को इस माध्यम ज्यादा आय कमानी है. इसके अनुसार योजना को खासा प्रतिसाद दिख पाया है. 2 अक्टूबर के 30 नवंबर तक पीएमसी को इस योजना तहत 354 करोड़ 88 लाख का टैक्स मिला. करीब 1 लाख 14 हजार  483 लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया है, लेकिन कई नागरिक इस योजना का लाभ नहीं उठा पाए. इस वजह से नागरिकों समेत नगरसेवकों द्वारा मांग की जा रही थी कि इसका अवधि बढ़ा दिया जाए. इसके अनुसार स्थायी समिति ने 10 दिसंबर से 26 जनवरी तक इसका अवधि बढ़ाने के लिए मंजूरी दी गई. दो चरणों में इसका लाभ दिया जाएगा. पहले चरण में 10 दिसंबर से 31 दिसंबर तक 75% छूट दी जाएगी. तो दूसरा चरण 1 जनवरी से 26 जनवरी तक का रहेगा. इसमें 70% की छूट दी जाएगी. योजना खत्म होने के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसके अनुसार इसे भी खासा प्रतिसाद मिल रहा है. 

 विगत साल भर में मिले थे 1262 करोड़ 

इस बारे में टैक्स विभाग प्रमुख विलास कानडे ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के पहले 9 महीनों के पूरा होने से पहले, 7,20,712 संपत्ति मालिकों ने 1265.31 करोड़ रुपए का टैक्स  जमा किया है. वित्तीय वर्ष 2019-20 में, 7,75,158 संपत्ति मालिकों से 1262.95 करोड़ रुपए का टैक्स एकत्र किया गया था.  खाते के इतिहास में पहली बार, 1265 करोड़ रुपए  का स्तर पार किया गया. कानडे के अनुसार, अभी तीन महीने की अवधि बाकी है.  शेष 96 दिनों में राजस्व को अधिकतम करके अधिकतम आय उत्पन्न करने का अवसर है. 

 किस तरह से मिलता गया टैक्स 

     वर्ष                                आय 

2010-11.                        430.59 करोड़ 

2013-14.                        749.69 करोड़ 

2016-17.                        1201.65 करोड़ 

2017-18.                        1084.39 करोड़ 

2018-19.                        1185.24 करोड़ 

2019-20.                        1262.95 करोड़ 

2020-21.(9 माह में).       1265. 31 करोड़ 

वित्तीय वर्ष 2020-21 के पहले 9 महीनों के पूरा होने से पहले 7,20,712 संपत्ति मालिकों ने 1265.31 करोड़ रुपए का टैक्स जमा किया है. वित्तीय वर्ष 2019-20 में 7,75,158 संपत्ति मालिकों से 1262.95 करोड़ रुपए का टैक्स एकत्र किया गया था. खाते के इतिहास में पहली बार 1265 करोड़ रुपए का स्तर पार किया गया.

- विलास कानडे, विभाग प्रमुख, टैक्स विभाग