sikkim

Loading

  •  मृत्यु दर भी 2.35% तक गिरा

पुणे. शहर में कोरोना का प्रकोप जारी है. खास तौर से जहां पर घनी बस्तियां हैं, वहां कोरोना संक्रमितों की तादाद बढ़ती जा रही है. उसके बाद अब कन्टेनमेंट जोन के बाहर भी इसकी तादाद बढ़ती जा रही है. अब तक 1456 से अधिक लोगों की मौत कोरोना की वजह से हो चुकी है पर राहत की बात यह है कि रिकवरी रेट सुधर कर 70% के पार हो चुका है.  वहीं 2 जून तक जो मृत्यु दर 5.06% थी वह गिर कर अब 2.35% पहुंच गई है. जो राज्य व देश की तुलना में कम है.

पहले रिकवरी रेट कम थी

ज्ञात हो कि शहर में कोरोना का प्रकोप कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. कोरोना से मरनेवालों की संख्या 1456 तक जा पहुंची हैं. इससे शहर में चिंता का माहौल बना हुआ है. महापालिका प्रशासन की ओर से संक्रमित लोगों को ठीक करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन घनी बस्तियां और झोपड़ी इलाकों में इसका प्रकोप तेजी से बढ़ता ही जा रहा है. संक्रमित लोगों को क्वारंटाइन करने और उनका उपचार करने के लिए महापालिका प्रशासन द्वारा क्वारंटाइन कक्ष, कोविड सेंटर, फ्लू सेंटर बनाए गए हैं. उसमें नागरिकों को भोजन सहित सभी तरह की सुविधाएं दी जा रही है. नतीजा  संक्रमित लोगों के रिकवर होने का दर बढ़ गया था, लेकिन फिर यह रेट कम हो कर 59.50% तक गिर गया. जिससे चिंता बढ गई. लेकिन अब  फिर एक बार यह रेट बढ़ता हुआ नजर आया है. प्रशासन के अनुसार अब तक 43606 लोग ठीक हो चुके हैं.

1456 से अधिक मृत्यु

मनपा प्रशासन की मानें तो शहर में 2 जून तक के आकड़े के अनुसार मृत्यु दर पहले 5.06% थी जो राज्य और देश की तुलना में ज्यादा थी. 3 जून तक 352 लोगों की जान जा चुकी थी और 7089 लोग इस रोग से संक्रमित थे. मनपा प्रशासन के अनुसार तब देश का मृत्यु दर 2.79% थी. जबकि राज्य की 3.37% थी. पुणे इससे भी आगे था. लेकिन अब यह मृत्यु दर तेजी से घटती जा रही है. अब पुणे का मृत्यु दर 2.35 प्रतिशत हो चुका है. यह अच्छी बात मानी जा रही है. कोरोना से शहर में अब तक 1456 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है. यानी प्रशासन की योजनाएं रंग लाती दिख रही हैं.