पुणे. सड़क निर्माण कार्य का बिल मंजूर करने के लिए ठेकेदार से तीन लाख की रिश्वत मांगने और सुलह के बाद ढाई लाख रुपए स्वीकारते हुए एन्टी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) पुणे की टीम ने पीडब्ल्यूडी के एक शाखा इंजीनियर को रंगेहाथ धरदबोचा. विलास गोपालराव तांभाले (57) ऐसे धराये गए शाखा इंजीनियर का नाम है. उसके खिलाफ पुणे के बंडगार्डन पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.
बिल मंजूर करने मांगी थी रिश्वत
एसीबी पुणे के अधीक्षक राजेश बनसोडे से मिली जानकारी के मुताबिक, विलास तांभाले लोकनिर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में शाखा इंजीनियर है. एसीबी के पास एक ठेकेदार ने शिकायत की थी कि उसे पीडब्ल्यूडी से सड़क निर्माण का एक ठेका मिला था. उस काम को पूरा करने के बाद उसका 50 लाख रुपए के बिल का भुगतान होना बाकी था. उसका बिल मंजूर करने के लिए तांभाले ने तीन लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी.
एसीबी ने की कार्रवाई
ठेकेदार से मिली इस शिकायत की पुष्टि करने के बाद एसीबी की टीम ने पीडब्ल्यूडी के दफ्तर में जाल बिछाया. इस बीच ठेकेदार और शाखा इंजीनियर तांभाले के बीच रिश्वत की रकम के बारे में सुलह हुई और बात ढाई लाख रुपये पर तय हुई. इसके बाद आज दोपहर तीन बजे जब तांभाले ने ठेकेदार से रिश्वत के पैसे स्वीकारे, वैसे ही एसीबी की टीम ने उसे धरदबोचा. इसके बाद बंडगार्डन पुलिस थाने में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया.