Hemant rasane

  • स्थायी समिति ने लगाई मुहर

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पुणे. अंबिल ओढा स्थित साने गुरुजी पालिका स्टाफ कॉलोनी (Sane Guruji Palika Staff Colony) की इमारतें (buildings) खतरनाक (Dangerous) हो गई हैं. स्थायी समिति (standing Committee) ने इन इमारतों के पुनर्विकास के लिए 6 करोड़ 20 लाख रुपए आवंटित किए हैं.हाल ही में समिति की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.

ऐसी जानकारी स्थायी समिति के अध्यक्ष हेमंत रासने (Hemant Rasne, Chairman of the Standing Committee) ने दी. महानगर पालिका के स्टाफ कॉलोनियों की हालत बहुत दयनीय हो चुकी है. प्रशासन को रिपोर्ट मिली है कि इनमें से कुछ इमारतें कभी भी ढह जाएंगी.

पुनर्विकास का निर्णय कई वर्षों से लंबित था

इनमें से एक, साने गुरुजी कॉलोनी के पुनर्विकास का निर्णय कई वर्षों से लंबित था. यहां के निवासियों ने मांग की है कि हमारे नाम पर मकान बनाए जाने चाहिए. निगम की 26 स्टाफ कॉलोनियों का निर्माण 50 साल पहले हुआ था. इनमें से 11 बस्तियां साने गुरुजी नगर में हैं. 6 सीटिंग कॉलोनियां हैं. प्रशासन द्वारा इस प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया है क्योंकि ठेकेदार द्वारा कॉलोनियों के विकास के लिए बीओटी आधार पर दिए गए कार्य 10 से 12 वर्षों से लंबित हैं. प्रशासन ने इस  के लिए स्थायी समिति के लिए एक वर्गीकरण का प्रस्ताव रखा था क्योंकि पुनर्विकास के लिए नगरपालिका के बजट में 2 करोड़ 40 लाख  रुपये का प्रावधान अपर्याप्त था. इस वजह से योग केंद्र की स्थापना के लिए 95 लाख रुपए, हीराबाग में एक व्यावसायिक परिसर के लिए 1 करोड़ रुपए, एक शिशु अस्पताल के लिए 64 लाख रुपए और विभिन्न खेल परिसरों के लिए 40 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है. 

अंबिल ओढा में साने गुरुजी पालिका स्टाफ कॉलोनी की इमारतें बहुत खतरनाक हो गई हैं. स्थायी समिति ने इन इमारतों के पुनर्विकास के लिए 6 करोड़ 20 लाख रुपए आवंटित किए हैं. हाल ही में समिति के बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. इससे बस्ती का पुन:विकास होगा.

- हेमंत रासने, अध्यक्ष, स्थायी समिति, पुणे मनपा