- विभिन्न चरणों में लिया जाएगा शुल्क
- स्थायी समिति ने दी मंजूरी
पुणे. महापालिका की ओर से नागरिकों से निर्माण कार्य विकास शुल्क वसूला जाता है. मनपा को हर साल इससे 500 करोड़ से अधिक राशि मिल जाती है. जारी बजट के तहत स्थायी समिति अध्यक्ष ने घोषणा की थी कि नागरिकों से यह शुल्क विभिन्न चरणों में लिया जाएगा. साथ ही अब कोरोना की वजह से नागरिकों राहत देना आवश्यक बन गया है. इस वजह से मनपा प्रशासन ने विभिन्न चरणों में शुल्क वसूलने संबंधित प्रस्ताव स्थायी समिति के समक्ष रखा गया था. इस पर समिति की मंगलवार बैठक में चर्चा हुई. इस प्रस्ताव को उपसुझाव दिए गए. उपसुझावों के साथ प्रस्ताव मंजूर किया गया. ऐसी जानकारी स्थायी समिति के अध्यक्ष हेमंत रासने ने दी.
स्थायी समिति अध्यक्ष ने भी की थी घोषणा
ज्ञात हो कि महापालिका की ओर से शहर में निर्माण कार्य करने के लिए अनुमति दी जाती है. इसके बदलें में मनपा द्वारा विकास शुल्क लिया जाता है. इमारत के ऊंचाई के अनुसार यह शुल्क निर्धारित किया जाता है. एक ही समय पर ज्यादा शुल्क का भुगतान करने में नागरिकों को दिक्कतें आती है. इस वजह से इसे विभिन्न चरणों में भुगतान करने को लेकर राहत देने की मांग की जा रही थी. इसके अनुसार स्थायी समिति अध्यक्ष हेमंत रासने ने इसकी घोषणा की थी. साथ ही अब कोरोना के चलते नागरिकों को राहत मिलेगी. इस वजह से प्रशासन द्वारा यह प्रस्ताव तैयार कर उसे मंजूरी के लिए स्थायी समिति के समक्ष रखा गया था.
दिए गए उपसुझाव
स्थायी समिति के समक्ष रखे गए प्रस्ताव के अनुसार जो प्रस्ताव 50 लाख के ऊपर के होंगे, उन्हें 3 चरण दिए जाएंगे. 70 मी से कम ऊंचाई होनेवाले इमारतों को 33%, 33% व 34% के तीन हफ्ते 1 ले, 12 वे और 24 वे माह में भरे जा सकते है. 70 मी से ज्यादा ऊंची इमारतों के लिए 25% के 4 हफ्ते होंगे. जो 1 ले, 12 वे और 24 वे और 36 वे माह में भर सकते है. प्रस्ताव के अनुसार निवासी, व्यापारी, आईटी क्षेत्र के एफआईएस का शुल्क देने के लिए बिल्डरों को विभिन्न चरणों में राहत दी है. इसके लिए 8.5% ब्याज भी देना होगा. साथ ही दूसरा या चौथा हफ्ता भरने में देरी हुई तो 18% दंड निर्धारित किया जाएगा. अंतिम हफ्ता आने तक एनओसी भी नहीं दी जाएगी. इसके सभी अधिकार मनपा कमिश्नर के पास रहेंगे. इस प्रस्ताव पर स्थायी समिति की मंगलवार की बैठक में चर्चा की गई. जिसमे सदस्यों ने इसे उपसुझाव दिए. इसके अनुसार बिल्डर पूरी राशि एक ही समय भरेंगे तो उन्हें 10% सहूलियत दी जाए. साथ ही प्रीमियम शुल्क 50 लाख से ज्यादा हो तो 40%, 30% व 30% के तीन हफ्ते 1 ले, 12 वे व 24 वे माह में भरे जाने के लिए मंजूरी दें. ऐसे 2 उपसुझावो के साथ प्रस्ताव मंजूर किया. ऐसी जानकारी अध्यक्ष रासने ने दी.