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    पुणे. कोरोना के मरीजों (Corona patients) के इलाज (Treatment) में कारगर साबित रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) की कालाबाजारी (Black Marketing) का पुणे (Pune) में एक और खुलासा पुलिस (Police) ने किया है। इस मामले में नर्सिंग होम के एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया है। उसके पास से दो रेमडेसिवीर इंजेक्शन जब्त किया है। शिवाजी हनुमंत सावंत (24) गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम है। इस प्रकरण में खड़क पुलिस ने मामला दर्ज किया गया है। इस कालाबाजारी में अन्य आरोपियों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।

    पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए रेमडेसिवीर इंजेक्शन की मांग बढ़ गई है। ब्लैकमार्केट में ज्यादा कीमत पर इंजेक्शन बेचा जा रहा है। कुछ दिन पहले एक महिला सहित दो लोगों को पकड़ा था। इसलिए इनकी जानकारी निकाली जा रही है। इस कालाबाजारी को रोकने के लिए 10 टीम गठित की गई हैं। इस बीच क्राइम ब्रांच की यूनिट-3 को जानकारी मिली कि एक व्यक्ति भवानी पेठ में रेमडेसिवीर इंजेक्शन बेचने के लिए आने वाला है।

    दो इंजेक्शन और 26 हजार 500 रुपए नकदी जब्त

    इसके अनुसार जाल बिछाकर कार्रवाई कर सावंत को पकड़ा गया। उसके पास से दो इंजेक्शन और 26 हजार 500 रुपए नकदी जब्त किए गए।पुलिस ने बताया कि शिवाजी सावंत, शिंदे नर्सिंग होम में सहायक के रूप में काम करता था। इसे डॉक्टर ने यहां भर्ती एक महिला के लिए 6 इंजेक्शन की आवश्यकता के लिए एक चिट्ठी दी थी। उसने 6 के बजाय 8 इंजेक्शन मांगा। उसने दो इंजेक्शन रख लिया और उसे 7 हजार में बेचने वाला था। यह जानकारी पुलिस की पूछताछ में सामने आई है। बहरहाल पुलिस इस जानकारी की पुष्टि कर सावंत के साथ और कौन-कौन शामिल है, आदि की जांच में जुटी है। इस कार्रवाई को पुलिस उपायुक्त श्रीनिवास घाडगे के मार्गदर्शन में यूनिट-3 के वरिष्ठ निरीक्षक अनिल शेवाले, सहायक निरीक्षक श्रीशैल चिवडशेट्टी, उपनिरीक्षक गूंगा जगताप, दत्तात्रेय काले, रामदास गोणते, सचिन गायकवाड और विल्सन डिसुजा की टीम ने अंजाम दिया।