कोविड-19 के दौरान भी रेस्क्यू टीम एक्टिव

  • घायल जंगली प्राणियों को प्राकृतिक अधिवास में छोड़ा गया
  • पुणे जिला उपवनसंरक्षक राहुल पाटिल ने दी जानकारी
  • 1122 प्राणी-पक्षियों पर किया इलाज

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पुणे. वनक्षेत्र समेत विभिन्न जगहों पर अलग-अलग कारणों से घायल हुए वन्यप्राणियों पर रेस्क्यू टीम के माध्यम से इलाज कर उन्हें उनके प्राकृतिक अधिवास में छोड़ा गया.

कोरोना के कारण पिछले करीब 6 माह से चल रहे लॉकडाउन में भी रेस्क्यू टीम का यह काम अविरत जारी है और इसमें अब तक विभिन्न प्राणियों को बचाने का किया गया है, ऐसी जानकारी पुणे जिला उपवनसंरक्षक राहुल पाटिल ने दी.

वाहनों के टक्कर से जख्मी हो जाते हैं

पाटिल ने बताया कि जंगल में विभिन्न कारणों से और जंगल से गुजरने वाले रास्तों पर वाहनों के साथ टकराने से कई बार प्राणी और पक्षी घायल हो जाते है. ऐसे में इनकी मदद के लिए रेस्क्यू टीम का गठन किया गया है. इस टीम में वन विभाग में काम करने वाले युवा वनरक्षक, वनपाल और पूर्व अधिकारी-कर्मचारी कार्यरत है. इन्हें विशेष ट्रेनिंग भी दिया गया है. इस टीम ने लॉकडाउन के कार्यकाल में कात्रज आश्रय केंद्र और रेस्क्यु सेंटर बावधन के सहयोग से बेहतरीन कार्य किया है. कोविड-19 के संक्रमण कार्यकाल में इस टीम की ओर से करीब एक हजार 122 वन्य प्राणी और पक्षियों पर इलाज कराते हुए उन्हें उनके प्राकृतिक अधिवास में पहुंचाने का कार्य किया. इलाज के बाद यह इन सभी प्राणी और पक्षियों को मूलशी तहसील के ताम्हिणी प्राकृतिक अधिवास में छोड़ा गया. वर्ष 2019 और 2020 में कुल मिलाकर एक हजार 912 जंगली प्राणी और पक्षियों पर इलाज कर उन्हें मुक्त कराया गया है.

दूसरे जिलों-राज्यों में भी छोड़ा गया प्राणियों को

पाटिल ने बताया कि केवल पुणे जिले से नहीं, बल्कि दूसरे जिले और राज्यों के पक्षी और प्राणियों को प्राकृतिक आवास में छोड़ा गया है. इसमें इंदौर में 1 अजगर, भोर में 60 पक्षी और सरीसृप, रोहा वन विभाग की मदद से 1 सीगल, शिरोता वनपरिक्षेत्र में 1 गिद्ध, बारामती में 1 उल्लू, अहमदनगर विभाग में हाइना और बाकी प्राणियों को ताम्हिणी वनपरिक्षेत्र के जंगल में छोड़ा गया. इसके अलावा चांदोली में 1 मगरमच्छ, मुलुंड में कछुआ और बंदर और बाकी विभिन्न प्राणियों को पुणे जिले के मूलशी, हवेली, मावल, दौंड, बारामती, इंदापुर के वनक्षेत्र में छोड़ा गया. इस काम के लिए पुणे महानगरपालिका के तहत चलने वाले वन्यप्राणी आश्रय केंद्र तथा रेस्क्यु सेंटर बावधन की ओर से बेहतरीन सहयोग प्राप्त हुआ. वन विभाग के इस कार्य की सांसद सुप्रिया सुले, सार्वजनिक निर्माण राज्यमंत्री दत्तात्रय भरणे ने भी वन विभाग के इस काम की सराहना की, ऐसी जानकारी राहुल पाटिल ने दी.