रुपी बैंक पर लगी पाबंदी 3 महीने बढ़ी

  • 30 नवंबर को समाप्त हो रही थी अवधि

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पुणे. रुपी को-ऑपरेटिव बैंक पर लगे प्रतिबंधों को रिजर्व बैंक ने और 3 महीने बढ़ा दिया है. इससे पहले के आदेशानुसार यह अवधि 30 नवंबर को समाप्त हो रही थी, लेकिन अब यह अवधि 28 फरवरी 2021 तक बढ़ा दी गई है. बैंक की तरफ से एक ज्ञापन जारी कर यह जानकारी दी गई.

इस संदर्भ में प्रशासक सी.ए. सुधीर पंडित ने बताया कि बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट में हाल ही में हुए संशोधन के अनुसार, को-ऑपरेटिव बैंक पर पूरा नियंत्रण और देखरेख की जिम्मेदारी आगे से रिजर्व बैंक की होगी. रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार सक्रिय रूप से आगे बढ़का इसके काम करेंगी ताकि जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा की जा सके. साथ ही अब संपूर्ण जिम्मेदारी रिजर्व बैंक पर आने की वजह से रुपी बैंक के जमाकर्ता रिजर्व बैंक से व्यवहारिक निर्णय की उम्मीद कर रहे हैं.

जल्द निर्णय सुनाए जाने की उम्मीद 

को-ऑपरेटिव एक्ट की धारा 88 के अनुसार, बैंक के पूर्व डायरेक्टर और अधिकारियों द्वारा दायर की गई अपील पर सरकार नियुक्त सीनियर सचिव स्तर के अधिकारियों के सामने सुनवाई समाप्त हो गई है. इस पर जल्द निर्णय सुनाए जाने की उम्मीद है. इससे पहले रूपी बैंक और महाराष्ट्र राज्य को-ऑपरेटिव बैंक इन दोनों को मंजूर विलय का संयुक्त प्रस्ताव रिजर्व बैंक के पास 17 जनवरी 2020 को भेजा गया था. प्रॉपर्टी और देनदारी के ट्रांसफर को लेकर रिजर्व बैंक के सर्कुलर के अनुसार विभिन्न पूर्ति और नियमों के उल्लेख के साथ रुपी बैंक महाराष्ट्र राज्य को-ऑपरेटिव बैंक को फिर से प्रस्ताव पेश करने के निर्देश रिजर्व बैंक ने दिए. इसके अनुसार को ऑपरेटिव विभाग ने फिर से प्रस्ताव पेश किया है.