Mula-Mutha river

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    पुणे. शहर से गुजरने वाली मुला और मुठा नदी (Mula and Mutha River) का प्रदूषण (Pollution) दूर करने के लिए जायका कंपनी के माध्यम से नदी संवर्धन का काम पुणे महानगरपालिका (Pune Municipal Corporation) की ओर से हाथ में लिया गया है। उसके बाद अब मुला-मुठा नदी तट के सुशोभीकरण ( Beautification) का काम भी महानगरपालिका हाथ में लेगी। पिंपरी मनपा, खड़की कैन्टोंमेंट बोर्ड और पुणे मनपा के माध्यम से यह काम किया जाएगा। कुल 44 किमी नदी तट का सुशोभीकरण इस माध्यम से किया जाएगा। 

    उसके लिए महापालिका को 2600 करोड़ की लागत आएगी। आम सभा ने इस प्रस्ताव को मंजूर कर उसे मंजूरी के लिए केंद्र और राज्य के पास भेज दिया था। हाल ही में पर्यावरण विभाग ने इसे मंजूरी दी है। इस बीच अब इस प्रकल्प के लिए एसपीवी की स्थापना करनी है। साथ ही इसके लिए नदी की बाढ़ लाइन को तय करने को लेकर जलसंपदा विभाग की मंजूरी आवश्यक है। उसके लिए राज्य सरकार के पास प्रस्ताव भेजा था। इसे तत्काल मंजूरी दी जाए। ऐसी मांग महापौर  द्वारा मुख्यमंत्री से की गई थी। इसके अनुसार एसपीवी गठन के लिए सरकार द्वारा मंजूरी दी गई है। इसके अध्यक्ष महापौर होंगे। ऐसी जानकारी महापौर मुरलीधर मोहोल ने दी। 

     एसपीवी कंपनी का होना था गठन  

    ज्ञात हो कि पुणे और पिंपरी-चिंचवड शहर से मुला और मुठा नदी बहती है। इन नदियों के संवर्धन के लिए नदी सुधार योजना मुहैया की गई है। उसे केंद्र सरकार ने भी मंजूरी दे दी है। उसके बाद नदी तट के विकास का प्रकल्प हाथ में लिया गया है। इसके तहत नदी तट के दोनों तरफ की बायोडायवरसिटी स्थायी रख कर नदी की वहन क्षमता बढ़ायी जाएगी। इस काम में से 80 प्रतिशत काम पर्यावरणपूरक कुदरती स्रोतों का होगा तो 20 प्रतिशत काम सिमेंट का होगा। इस काम के तहत नदी की सुरक्षा बढ़ाना, नदी का इलाका नागरिकों के लिए उपलब्ध करके देना। इस काम के लिए जलसंपदा विभाग, हरित न्यायाधिकरण, पिंपरी मनपा, खड़की कैन्टोंमेंट बोर्ड व केंद्रीय जल अनुसंधान केंद्र की भी सहायता ली जाएगी। इस काम के लिए महानगरपालिका की ओर से स्वतंत्र कंपनी स्थापन करने का निर्णय लिया गया है। प्रस्ताव के तहत कंपनी में 15 सदस्य लेने के लिए मंजूरी दी गयी। इसमें 8 लोकप्रतिनिनिधियों का समावेश होगा तो 7 लोग सरकारी होंगे। इस प्रकल्प के लिए दोनों मनपा से निधि उपलब्ध किया जाएगा। साथ ही शेष निधि कंपनी के माध्यम से उपलब्ध किया जाएगा। इस योजना के लिए राज्य के पर्यावरण विभाग द्वारा एनवायर्नमेंट क्लियरेंस दिया गया है। अब कंपनी गठित करने के लिए सरकार के मंजूरी की आवश्यकता थी।

    जलसंपदा विभाग की मंजूरी आवश्यक

    साथ ही जलसंपदा विभाग की भी इसके लिए अभी तक मंजूरी नहीं मिल पाई है। नदी की बाढ़ लाइन को तय करने को लेकर जलसंपदा विभाग की मंजूरी आवश्यक है। जलसंपदा विभाग के गाइडलांइन के अनुसार ही यह काम होगा। उसके लिए राज्य सरकार के पास प्रस्ताव भेजा है। इसे तत्काल मंजूरी दी जाए। ऐसी मांग महापालिका द्वारा मुख्यमंत्री से की गई है। इससे संबंधित पत्र भी महापौर द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दिया गया था। इसके अनुसार सरकार ने एसपीवी गठन के लिए मंजूरी दी है। जिसके अध्यक्ष महापौर होंगे। 

    साबरमती नदी की तर्ज पर होगा काम

    महापौर मुरलीधर मोहोल ने कहा कि अहमदाबाद स्थित साबरमती नदी पर जो प्रकल्प बनाया है, उसी तर्ज पर यह प्रकल्प मुहैया किया जाएगा। नदी तट के दोनों साइड की बायोडायवरसिटी स्थायी रख कर नदी की वहन क्षमता बढ़ाई जाएगी। इस काम में से 80 प्रतिशत काम पर्यावरणपूरक कुदरती स्रोतों का होगा तो 20 प्रतिशत काम सीमेंट का होगा। इस काम के तहत नदी की सुरक्षा बढ़ाना, नदी का इलाका नागरिकों के लिए उपलब्ध करके देना। इस काम के लिए जलसंपदा विभाग, हरित न्यायाधिकरण, पिंपरी मनपा, खड़की कैन्टोंमेंट बोर्ड व केंद्रीय जल अनुसंधान केंद्र की भी सहायता ली जाएगी।

    ऐसी  होगी  एसपीवी

    • महापौर, पुणे (एसपीवी के पदसिद्ध अध्यक्ष होंगे)
    •  डिप्टी मेयर, पुणे
    • अध्यक्ष स्थायी समिति, पुणे मनपा 
    • सभागृह नेता, पुणे मनपा 
    • अध्यक्ष, शहर  सुधार समिति, पुणे मनपा 
    • सभी पार्टी नेता, पुणे मनपा 
    • डिविजनल कमिश्नर, पुणे मंडल
    • कमिश्नर, पुणे मनपा 
    • कमिश्नर, पिंपरी-चिंचवड़ मनपा
    • विशेष कार्यकारी अधिकारी, खड़की  छावनी बोर्ड
    • सिटी इंजीनियर, पुणे मनपा 
    • मुख्य अभियंता, पुणे मनपा 
    • नदियों के विकास / संरक्षण के क्षेत्र में विशेषज्ञ

     

     इस परियोजना के कार्यान्वयन के दौरान, तीन हिस्सों का प्राथमिकताओं के साथ विचार किया गया है, ताकि इस परियोजना को चरणों में शुरू किया जा सके। ताकि इस परियोजना के लिए जो दिखेगी, उसका विचार इस पायलट प्रोजेक्ट से तैयार होगा। 

    1. संगम पुल से बंडगार्डन तक 9.2 किमी
    2. मुंढ़वा  से खराडी दोनों तटों से 7.1 किमी
    3.  औंध से बानेर – दोनों तट से 8.5 किमी

    नदी के पुनर्वास कार्य के संबंध में भू-तकनीकी, जांच रिपोर्ट, जल विज्ञान, हाइड्रोलिक्स रिपोर्ट, क्षेत्र मूल्यांकन, पर्यावरण प्रभाव आकलन, संकल्पना मास्टर प्लान आदि को पूरा किया गया है। नदी पुनर्वास परियोजनाओं के कार्यान्वयन से नदी की क्षमता बढ़ेगी। नदी के तट पर रहने की रक्षा होगी, नदी के किनारे ग्रीन बेल्ट का विकास होगा, सार्वजनिक स्थानों के नीचे नागरिकों के लिए जॉगिंग ट्रैक, बेंच, पार्क, नदी के धरोहर स्थलों का संरक्षण, नदी तट अतिक्रमण निकाला जाएगा। परियोजना का उद्देश्य डंपिंग पर अंकुश लगाना और नदी के पानी को साफ रखने में मदद करना है।

    - मुरलीधर मोहोल, महापौर, पुणे

    राज्य सरकार की मंजूरी मिलने से यह पुणे शहर के तेजी से विकास के लिए एक महत्वपूर्ण चरण है। पार्टी का सभागृह नेता के पद की जिम्मेदारी सौंपने के बाद राज्य सरकार को महानगरपालिका द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी लाने के लिए लगातर फॉलो अप किया। इसके नतीजे अब देखने को मिल रहे है।

    - गणेश बिडकर, सभागृह नेता, पुणे महानगरपालिका