अतिरिक्त बिजली बिल को लेकर शिवसेना आक्रामक

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  • महावितरण के अधिकारियो को घेरा

पुणे. अतिरिक्त बिजली बिल से नागरिक हैरान हैं. महावितरण की इस करतूत पर शिवसेना भी आक्रामक हो गई है. शहर शिवसेना द्वारा महावितरण के अधिकारियों को घेरे में लिया गया है. साथ ही ये बिल कम कराने की मांग की गई. शहर प्रमुख संजय मोरे व सह संपर्क प्रमुख प्रशांत बधे द्वारा यह मांग की गई.

 बिल कम करने की मांग

शिवसेना द्वारा कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान इनडोर एयर कंडीशनिंग सिस्टम का उपयोग बंद कर दिया गया. सभी प्रकार की दुकानें बंद थीं. औसतन उपभोक्ता को  किसी भी तरह की बिजली की खपत नहीं थी. फिर भी अनावश्यक परेशानी हो रही है. कारखानों, कार्यालयों, मॉल, शो रूम, थिएटर में पिछले 3 महीने की छुट्टी थी. तो अगर बड़े पैमाने पर बिजली की खपत बंद हो जाती है, तो बिजली की खपत केवल घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के जरिए होती है. पहले बिजली बिल की निर्धारित दर 90 रुपये प्रति माह थी, अब इसे 100 रुपये प्रति माह कर दिया गया है. उसी तरह से कैरिंग टैक्स पहले 1.28 रुपये प्रति यूनिट थी जिसे बढ़ाकर अब  1.45 रुपये प्रति यूनिट कर दिया गया है. पहले 100 यूनिट के लिए 3 3 05 रुपये प्रति यूनिट की दर थी, लेकिन अब यह 3-46 रू प्रति यूनिट कर दिया गया है.

सुझावों पर होगी चर्चा

सभी मुद्दों पर चर्चा करने के बाद, मुख्य अभियंता सचिन तलवर ने कहा कि हम विद्युत नियामक आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार बिजली बिल भेजेंगे. अब तक भेजे गए बिलों को  नवंबर-दिसंबर के बिलों की औसत के हिसाब से भेजा था. जबकि इन 2 महीनों में वे इकाइयां कम है. जुलाई महीने से मीटर रीडिंग लेने के बाद, हम एक साथ 3 महीने का बिल भेजेंगे.  इसमें बिजली बिल का ऑनलाइन भुगतान करने वालों की राशि आने वाले बिल से काट ली जाएगी. साथ ही, यदि 3 महीने की मीटर रीडिंग यूनिट अभी ली जा रही है, तो यह प्रति माह 110 यूनिट के रूप में ली जाएगी और प्रत्येक बिल को एक अलग स्लैब के रूप में लिया जाएगा.  इससे केवल ग्राहकों को लाभ होगा, कुछ ग्राहकों को एसएमएस के माध्यम से गलत बिल मिले हैं, बिल में सुधार के लिए निकटतम अनुभाग कार्यालय में व्यवस्था की जा रही है.  हम सभी ग्राहक चिंताओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. शिवसेना द्वारा सुझाए गए उपायों पर नियामक आयोग के अधिकारियों के साथ चर्चा की जाएगी.