Slum TDR priority order decision canceled

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पिंपरी. पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) कमिश्नर द्वारा स्वीकृत FSI के अलावा अतिरिक्त कंस्ट्रक्शन के लिए तय विकास अधिकार हस्तांतरण (Slum TDR) के प्राथमिकता-क्रम या वरीयताक्रम का निर्णय राज्य सरकार ने रद्द कर दिया। 

राज्य सरकार (State Government) के नगर विकास विभाग ने यह बताते हुए मनपा कमिश्नर के सर्कुलर (Circular) को पूर्वव्यापी प्रभाव से रद्द कर दिया कि राज्य सरकार के पास प्राथमिकताएं तय करने के अधिकार हैं और मनपा का सर्कुलर नियमावली से असंगत है। माना जा रहा है कि यह नगर विकास विभाग का मनपा कमिश्नर को बड़ा झटका है।

नगरसेवक वाघेरे ने जताई थी आपत्ति

मनपा कमिश्नर ने कुछ लोगों को ध्यान में रखकर TDR प्राथमिकता-क्रम पर निर्णय लिया था, भाजपा के नगरसेवक संदीप वाघेरे ने इसे रद्द करने के लिए समय-समय पर फालोअप लिया. वाघेरे ने ही राज्य सरकार का आदेश बताकर मनपा कमिश्नर का निर्णय रद्द करने की जानकारी दी। 2 दिसंबर 2020 को एकीकृत विकास नियंत्रण और संवर्धन नियमावली को मंजूरी दी गई है। यह 3 दिसंबर 2020 से अमल में लाई गई है और पिंपरी-चिंचवड़ मनपा क्षेत्र के लिए भी यह लागू है। स्वीकृत FSI के अलावा अतिरिक्त कंस्ट्रक्शन के लिए इस्तेमाल में लाए जाने वाले TDR या प्रीमियम FSI के उपयोग के लिए कोई वरीयता तय करके नहीं दी गई थी। इस वजह से झोपड़पट्टी पुनर्वास योजना से उत्पन्न होने वाले TDR के उपयोग का मसला पैदा हो गया है।

कमिश्नर ने जारी किया था सर्क्यूलर

इस संबंध में झोपड़पट्टी पुनर्वास प्राधिकरण या स्लम रिहैबिलेशन अथारिटी ने पुणे और पिंपरी मनपा आयुक्तों को पत्र लिखकर SRA योजना में उत्पन्न TDR को प्राथमिकता देने के आदेश जारी करने का अनुरोध किया। इसके तहत मनपा कमिश्नर श्रवण हर्डिकर ने अपने अधिकार का उपयोग करते हुए सर्क्यूलर जारी किया था। इसमें TDR का उपयोग करते हुए अतिरिक्त कंस्ट्रक्शन करते समय कम से कम 30 प्रतिशत और अधिकतम 50 प्रतिशत स्लम TDR का उपयोग करना अनिवार्य कर दिया। कमिश्नर द्वारा जारी सर्कुलर पर पुणे क्रेडाई और नगरसेवक संदीप वाघेरे ने आपत्ति जताई थी। इस सर्कुलर को नियमों के विपरीत बताकर इसे रद्द करने की मांग की गई थी। इसके बाद राज्य के नगर विकास विभाग ने कमिश्नर के सर्कुलर को रद्द कर दिया। नियमावली में प्रीमियम FSI या TDR के उपयोग के बारे में प्रावधान स्पष्ट है। सरकार ने इन घटकों के उपयोग के लिए किसी भी तरह की प्राथमिकता तय नहीं की है। इसके उपयोग का निर्णय जमीन मालिक और डेवलपर्स ले सकते हैं। इस वजह से मनपा कमिश्नर ने 23 दिसंबर 2012 के सर्क्यूलर में यह बात दर्ज की है कि सरकार ने प्रीमियम FSI और TDR के उपयोग के बारे में प्राथमिकता तय नहीं की है, TDR के उपयोग के बारे में मनपा स्तर पर तय वरीयताक्रम का विषय सरकार के निर्णय और नियमावली के प्रावधानों से असंगत है।

सर्क्यूलर जारी करना असंगत 

साथ ही इस नियमावली के प्रावधानों की व्याख्या करने में भी मुश्किल होगी। इसलिए सरकार को इसकी व्याख्या करने का अधिकार है। ऐसी स्थिति में जब नियमावली में प्रावधान स्पष्ट होने के बावजूद मनपा कमिश्नर द्वारा अपने लेवल पर नियमों की व्याख्या करके सर्क्यूलर जारी करना असंगत है। इसलिए TDR के उपयोग के संबंध में वरीयताक्रम तय करने का सर्क्यूलर पूर्वव्यापी प्रभाव से रद्द कर दिया गया है। इससे संबंधित आदेश राज्य सरकार के अवर सचिव किशोर गोखले ने जारी किया है।

कुछ लोगों को ध्यान में रख कर लिया गया निर्णय

मनपा कमिश्नर ने मनमाने तरीके से स्लम TDR अनिवार्य किया था। इस संबंध में भाजपा के नगरसेवक और बिल्डर संदीप वाधेरे ने कहा कि TDR के उपयोग के बारे में मनपा कमिश्नर द्वारा लिया गया प्राथमिकता-क्रम का निर्णय गलत था। उन्होंने मनमाने तरीके से स्लम TDR अनिवार्य कर दिया था. एक या दो लोगों को ध्यान में रखकर स्लम TDR को अनिवार्य करने का निर्णय लिया, अब राज्य सरकार ने मनपा कमिश्नर को चपत लगाई है। क्रेडाई संस्था राज्य सरकार के पास गई थी। जमीन मालिक और डेवलपर्स तय करते हैं कि किस TDR को इस्तेमाल करना है? राज्य सरकार द्वारा 20 प्रतिशत TDR अनिवार्य किया गया है, लेकिन जिसकी प्रचुरता अधिक होगी। दरें कम होंगी। उस समय उस TDR का उपयोग किया जा सकता है।