Dr. Amol Kolhe
अमोल कोल्हे (फाइल फोटो)

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पुणे. जिले के आदिवासी इलाकों में रहने वाले लोगों को पैसों की तंगी से ना जूझना पड़े और इन इलाकों का आर्थिक चक्र शुरू रहे, इसके लिए आदिवासी इलाकों में मनरेगा के तहत जल्द से जल्द काम शुरू करें, ऐसी मांग शिरूर के सांसद डॉ. अमोल कोल्हे ने की.

सांसद अमोल कोल्हे ने जिला परिषद प्रशासन के समक्ष रखी मांग

डॉ. कोल्हे ने जिला परिषद के सीईओ आयूष प्रसाद की ओर से की गई मांग में कहा गया है कि कोरोना का संकट शुरू होने के बाद लॉकडाउन की घोषणा की गई, लेकिन इस लॉकडाउन ने अर्थचक्र पूरी तरह से रुक गया था, लेकिन अब लॉक डाउन में कुछ रियायतें दी जा रही है. ऐसे में सरकार की ओर से विभिन्न तरह के विकास कार्य के लिए पहल की जा रही है. इस स्थिति में ग्रामीण इलाकों में रोजगार गारंटी कानून के तहत विभिन्न तरह के विकासकार्य किए जा रहे है.

इसके तहत खेत तालाबों की खुदाई, अंतर्गत मार्गों का निर्माण, पौधारोपण जैसे कार्य किए जा रहे है. जिला परिषद की ओर से इन कामों के लिए जमकर प्रयास हो रहे हैं. लेकिन बाकी इलाकों की तरह की पुणे जिले के जुन्नर, खेड और आंबेगांव तहसीलों के आदिवासी इलाकों में भी मनरेगा के तहत कामों का नियोजन कर उन पर तत्काल अमल किया जाए. ऐसा करने पर ही इन इलाकों के आदिवासी लोगों की आजीविका फिर से शुरू होकर उनका जीवनस्तर सुधारने के लिए मदद मिलेगी. इसलिए इन इलाकों में भी जल्द मनरेगा के तहत काम कराए जाए, ऐसी मांग कोल्हे ने की है.