कोरोना पर नियंत्रण में राज्य सरकार असफल

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– भाजपा का महाराष्ट्र बचाओ आंदोलन

पुणे. कोरोना जैसी विषम परिस्थितियों को नियंत्रण में लाने में महाराष्ट्र की सरकार पूरी तरह असफल रही है. इसके खिलाफ पुणे शहर भाजपा की ओर से महाराष्ट्र बचाओ आंदोलन किया गया, जिसमें शहर के करीब 5000 से अधिक कार्यकर्ताओं ने अपने घरों में रहकर हिस्सा लिया और राज्य सरकार का निषेध किया. 

शहराध्यक्ष जगदीश मुलिक, सांसद गिरीश बापट ने शहर कार्यालय के बाहर आंदोलन किया. शहर के विभिन्न भागों में भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने आंगन में शासन की निष्र्कियता की घोषणा वाले बोर्ड प्रदर्शित कर जनता का व सरकार का ध्यान खींचा. इस समय सामाजिक अंतर का ख्याल रखा गया. महापौर मुरलीधर मोहोल, विधायक माधुरी मिसाल, भीमराव तापकीर, मुक्ता तिलक, सुनील कांबले, सिद्धार्थ शिरोले, उपमहापौर सरस्वती शेंडगे, स्थायी समिति अध्यक्ष हेमंत रासने, सभागृह नेता धीरज घाटे, पश्चिम महाराष्ट्र संगठन मंत्री रवि अनासपुरे, सरचिटणीस राजेश पांडे, दीपक मिसाल, उज्ज्वल केसकर, गणेश घोष ने आंदोलन में हिस्सा लिया. 

सरकार का प्रशासन पर कोई अंकुश नहीं 

इस समय जगदीश मुलिक ने कहा कि कोरोना को नियंत्रण करने में राज्य सरकार पूरी तरह से असफल रही है. सरकार का प्रशासन पर कोई अंकुश नहीं रहा. सरकार की अक्षमता के कारण  पुणे शहर की स्थिति गंभीर हो गई है. ससून में हर 4 मरीज में से एक की मृत्यु हो रही है, इसलिए मरीजों का प्रमाण व मृत्यु का प्रमाण अधिक है. अधिकारियों में समन्वय का अभाव है. इसके कारण सभी अलग-अलग निर्देश जारी करते हैं. जिससे लोगों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है. रेड कंटेनमेंट क्षेत्र को बाहर रखकर जनजीवन शुरू करना है, लेकिन सरकार के पास इसको लेकर कोई निश्चित नियोजन व नीति नहीं है. उसी तरह से केंद्र सरकार की तरह राज्य सरकार ने अभी तक कोई पैकेज जाहिर नहीं किया है. यहां के राज्य सरकार के कामकाज में सुधार आए इसको लेकर हमने आंदोलन किया.

हमने जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाई

शहर के सांसद गिरीश बापट ने कहा कि एक जिम्मेदार विरोधी पक्ष होने के नाते भाजपा ने लगातार राज्य सरकार के फैसलों का समर्थन किया, परंतु राज्य सरकार  जो निर्णय ले रही है, व नीतियां बना रही हैं वह कारगर नहीं साबित हो रही है जिसके चलते शहर में कोरोना की स्थिति गंभीर बन चुकी है. जिससे आम जनता का विश्वास इस सरकार से उठ चुका है.  किसानों 12 बलुतेदार, लॉन्ड्री व सलून, घरेलू कर्मचारी, 50 हजार से अधिक रिक्शा चालक, फेरीवाले इससे डरे हुए हैं. इनके बैंक खातों में हर माह 10 हजार डालने चाहिए. उक्त मांग सांसद गिरीश बापट ने राज्य सरकार से की.