Street light mana will conduct survey for the first time

  • मनपा के विद्युत विभाग ने बनाया मोबाइल एप

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पुणे. पुणे महानगरपालिका (Pune Municipal Corporation) द्वारा शहर में स्ट्रीट लाइट (Street lights) के कितने पोल लगाए हैं, इसकी सही जानकारी महापालिका के पास नहीं है। क्योंकि क्षेत्रीय कार्यालयों (Regional Offices) के उदासीन रवैये की वजह से यह जानकारी एकत्रित नहीं हो पाती है। इससे महापालिका को यह पता नहीं चल पाता कि शहर में कितने पोल की आवश्यकता है।

यह सब जानने के लिए अब महापालिका पहली बार स्ट्रीट लाइट का सर्वे करेगी। उसके लिए विद्युत विभाग द्वारा स्ट्रीट लाइट मोबाइल विकसित किया है। सर्वे के बाद एकत्रित की गई पोल की जानकारी GIS तकनीक के नीचे लाई जाएगी। इससे महापालिका को खासा लाभ होगा। यह सर्वे सोमवार से शुरू किया जायेगा। ऐसी जानकारी विद्युत विभाग के मुख्य अभियंता श्रीनिवास कंदुल (Chief Engineer Srinivas Kandul) ने दी। 

स्ट्रीट लाइट की एकत्रित नहीं जानकारी 

ज्ञात हो कि महापालिका की ओर से शहरवासियों को स्ट्रीट लाइट के तहत सेवा दी जाती है। इस पर महापालिका द्वारा LED भी लगाए हैं। लेकिन असल में कितने स्ट्रीट लाइट व LED हैं, इसकी एकत्रित जानकारी महापालिका के विद्युत विभाग के पास नहीं है। जबकि यह जानकारी सभी क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा देना आवश्यक है। लेकिन उनके उदासीन रवैये के चलते महापालिका को यह जानकारी नहीं मिल जाती। मनपा प्रशासन की मानें तो अंदाजा डेढ़ लाख स्ट्रीट लाइट के पोल शहर में हैं। इसका अभी तक कोई सर्वे नहीं किया गया है। हर साल सिर्फ पोल की खरीदी की जाती है। लेकिन इसका हिसाब नहीं रखा जाता है। हाल ही में एलईडी लगाने का काम टाटा कंपनी को दिया गया था। कंपनी द्वारा सर्वे करके देने के लिए भी कहा गया था। लेकिन कंपनी ने यह काम नहीं किया है। इस वजह से अब मनपा के विद्युत विभाग ने इस पर गंभीरता से ध्यान देकर सर्वे करने का फैसला लिया है। उसके लिए एक मोबाईल एप भी विकसित किया है। 

GIS तकनीक के नीचे लाई जाएगी जानकारी 

इस बारे में विद्युत विभाग के मुख्य अभियंता श्रीनिवास कंदुल ने कहा कि शहर के स्ट्रीट लाइट का सर्वे करने के लिए हमने स्ट्रीट लाइट एप विकसित किया है। यह एप हमने टाटा कंपनी से ही विकसित करके लिया है। इसके माध्यम से हम सभी स्ट्रीट लाइट का सर्वे करेंगे। इसमें एप पर पहले पोल का फोटो लिया जाएगा। संबंधित पोल किस कंपनी द्वारा लगाया गया, इसकी जानकारी एप में स्टोर होगी। बाद में उस पोल पर कितने फिटिंग हैं, वहां का वोल्टेज कितना है, यह जानकारी एप में जमा की जाएगी।

कंदुल के अनुसार सभी जानकारी मिलने के बाद सभी पोल्स को GIS तकनीक के निचे लाया जाएगा। इससे हमें बाद में एक ही क्लिक पर पोल की जानकारी मिलेगी। इससे हमें पोल्स की सही जानकारी पता चलेगी। यह भी पता चलेगा कि किस पोल की मरम्मत करनी है, कहा पर ज्यादा लाईट लगाने की आवश्यकता है। कंदुल ने आगे कहा कि इसके लिए सर्वे की शुरुवात सोमवार से होगी। उसके लिए प्रत्येक क्षेत्रीय कार्यालय के दो कर्मी व टाटा कंपनी का एक ऐसे तीन कर्मी तैनात किए जाएंगे। 15 क्षेत्रीय कार्यालयों के तहत यह कर्मी नियुक्त किए जाएंगे। उन्हें 2 माह का समय दिया जाएगा। उसके बाद हर 6 माह में हम सर्वे करेंगे। जिससे महापालिका का खर्चा बचेगा व सही जानकारी प्राप्त होगी। 

शहर के स्ट्रीट लाइट का सर्वे करने के लिए हमने स्ट्रीट लाइट एप विकसित किया है। सभी पोल्स को GIS तकनीक के निचे लाया जाएगा। इससे हमें बाद में एक ही क्लिक पर पोल की जानकारी मिलेगी। इससे हमें पोल्स की सही जानकारी पता चलेगी। यह भी पता चलेगा कि किस पोल की मरम्मत करनी है, साथ ही कहा पर ज्यादा लाइट लगाने की आवश्यकता है। सोमवार से यह सर्वे शुरू होगा।

- श्रीनिवास कंदुल, मुख्य अभियंता, विद्युत विभाग, मनपा