21 दिनों में फांसी की सजा के प्रावधान वाले कानून का कड़ाई से अमल हो

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  • हाथरस घटना की मृतका की श्रद्धांजलि सभा में डॉ भारती चव्हाण की मांग

पिंपरी. महिला अत्याचार की घटनाओं में दोषियों को 21 दिनों में फांसी की सजा सुनानेवाले कानून का कड़ाई से अमल करने की मांग मानिनी फाउंडेशन की अध्यक्षा डॉ. भारती चव्हाण ने की है. उत्तर प्रदेश के हाथरस की घटना का शिकार बनी मृतका को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए फाउंडेशन की ओर से पिंपरी-चिंचवड़ के निगड़ी प्राधिकरण में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई. इसमें दोषियों को 21 दिनों में फांसी सजा देनेवाले कानून का कड़ाई से अमल करने की मांग की गई.

महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार निंदनीय

 श्रद्धांजलि सभा में मालती काले, सुरेखा वाडेकर, अर्पणा शिंदे, कल्याणी कोतूरकर, सुनिता शिंदे, द्रौपदा सोनवणे, रेश्मा निमकर, श्रेया शिंदे, संगीता पाटिल, सुषमा असलेकर, शांति गवली, वैशाली तोडसे, शोभा चव्हाण, राजश्री गिरे, वैशाली कडके, सुहासिनी भोसले, सविता मोरे, यशश्री आचार्य, पद्मा जक्का, रिबेका अमोलिक, रजनी मगर, अरुणा सेलम, साधना दातीर आदि उपस्थित थीं. डॉ  भारती चव्हाण ने कहा कि महिलाओं, युवाओं और लड़कियों के साथ अन्याय, अत्याचार, बलात्कार, हत्या और दहेज की बढ़ती घटनाएं निंदनीय हैं.ऐसे मामलों के आरोपी की पहचान अक्सर करीबी रिश्तेदार या परिचित के रूप में की जाती है.विभिन्न राज्यों में विभिन्न कानून और दंड हैं.वर्तमान न्यायिक प्रक्रिया में अभियुक्तों को दोषी ठहराने में लंबा समय लगता है.आरोपी अक्सर जमानत पर जेल से बाहर रहते हैं.उन्हें कानून का कोई डर नहीं है.

पूरे देश में लागू किया जाए आंध्र प्रदेश दिशा विधेयक

केंद्र सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम, शिक्षा का अधिकार अधिनियम, सूचना का अधिकार अधिनियम लागू किया है और इसका कार्यान्वयन देश भर में चल रहा है. 2019 में, आंध्र प्रदेश सरकार ने ‘आंध्र प्रदेश दिशा विधेयक 2019’ को मंजूरी दी है.इसकी अमलबाजी, राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं के खिलाफ अन्याय और उत्पीड़न के खिलाफ होनी चाहिए और इसे पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए. इस अधिनियम में कड़े प्रावधानों के परिणामस्वरूप दोषियों को चार महीने के भीतर सजा सुनाई जाएगी. आंध्र प्रदेश दिशा विधेयक 2019 में प्राथमिकी दर्ज होने के सात दिनों के भीतर जांच करने और विशेष अदालत में 14 दिनों के भीतर मुकदमा चलाने और दोषी साबित होने के बाद 21 दिन के भीतर फांसी की सजा देने का प्रावधान है. यह सारी प्रक्रिया 4 महीने में पूरी होनी है.

सख्त कानूनों से अपराधियों पर नकेल कसने में मदद

सख्त कानूनों और तेज प्रक्रियाओं से ऐसे अपराधियों पर नकेल कसने में मदद मिलेगी और इस तरह के अपराध नियंत्रण में आएंगे.तभी महिलाएं सुरक्षित महसूस करेंगी. इससे महिला सशक्तिकरण को और गति मिलेगी. अगले हफ्ते, मानिनी फाउंडेशन का प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद को इस तरह के कानून को लागू करने के लिए एक ज्ञापन सौंपेगा, यह जानकारी भी भारती चव्हाण द्वारा दी गई.

अगले हफ्ते, मानिनी फाउंडेशन का प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद को दिशा जैसे कानून को लागू करने के लिए एक ज्ञापन सौंपेगा. – भारती चव्हाण, अध्यक्षा, मानिनी फाउंडेशन