SDO issued orders after getting communicative re-positive till 19 in Arvi

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  •  नगरसेवकों की मनपा प्रशासन से मांग

पिंपरी. पिंपरी-चिंचवड में कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इस स्थिति पर नियंत्रण के लिए नवी मुंबई, ठाणे, कल्याण एवं डोंबिवली मनपाओं ने एक बार फिर कड़ाई से लॉकडाउन लागू करने का एकमत से निर्णय लिया व तुरंत उसे क्रियान्वित भी किया गया. इसी तर्ज पर पिंपरी-चिंचवड में भी एक बार फिर कड़ाई से लॉकडाउन हो. यह मांग नगरसेवकों द्वारा की गई है. नगरसेवकों ने स्पष्ट किया है कि शहर में मनपा प्रशासन ने स्थिति नियंत्रित रखी, मगर अनलॉक प्रक्रिया शुरू होने के बाद प्रतिदिन पाए जाने वाले नए मरीजों की संख्या का औसत 150-175 से बढकर 300-325 तक पहुंच गया. यह शहर के लिए खतरे की घंटी है.

 इस विषय में पूर्व महापौर एवं नगरसेविका मंगला कदम द्वारा मनपा आयुक्त श्रवण हडिकर को दिए गए ज्ञापन में उन्होंने कोरोना संक्रमण में वृद्धि पर नियंत्रण के लिए 7 दिनों तक कडाई से लॉकडाउन लागू करने की मांग की है. ज्ञापन में उन्होंने कहा कि शहर में कोरोना मरीजों की संख्या 3,692 हो गई है. उनमें से करीब 1,472 एक्टिव पेशेंट्स का विभिन्न हॉस्पिटलों में उपचार किया जा रहा है. जुलाई व अगस्त में भी कोरोना के मरीजों की संख्या बढेगी. यह आशंका स्वास्थ्य विभाग द्वारा जताई गई है. 

हॉस्पिटलों में बेड उपलब्ध नहीं 

मरीजों की भारी संख्या के चलते अब सरकारी एवं प्राइवेट हॉस्पिटलों में बेड उपलब्ध नहीं हैं. यदि मरीजों की संख्या में इसी तरह वृद्धि जारी रही तो शहर में प्राइवेट व सरकारी हॉस्पिटलों में उनका उपचार करना संभव नहीं रहेगा. कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए शहर में कुछ दिन कड़ाई से लॉकडाउन जरूरी है.

 पिंपरी-चिंचवड में भी पुन: लॉकडाउन जरूरी 

वरिष्ठ नगरसेविका सीमा सावले ने भी लॉकडाउन की मांग की है. उन्होंने कहा कि मुंबई, ठाणे, कल्याण एवं डोंबिवली मनपाओं ने कोरोना पर नियंत्रण के लिए एक बार फिर लॉकडाउन लागू करने का निर्णय लिया व तुरंत उसका क्रियान्वयन भी शुरू कर दिया. लोगों के बीच आपसी संपर्क कम करते हुए पेशेंट्स की संख्या पर नियंत्रण के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया. लॉकडाउन की वजह से आर्थिक संकट पैदा होता है, मगर अब इसके अलावा अन्य कोई रास्ता भी नहीं है. पिंपरी-चिंचवड में भी पुन: लॉकडाउन जरूरी है.

 बहुत गंभीर परिस्थिति 

वरिष्ठ नगरसेवक भाऊसाहेब भोईर ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में कोरोना ने पुलिसकर्मियों एवं मनपा अधिकारियों- कर्मचारियों को भी परेशान कर दिया है. विधायक, नगरसेवक व उनके परिवार के सदस्यों के साथ कार्यकर्ता भी कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं. ऐसी स्थिति में कौन किसे नियंत्रित करे? यह सवाल खडा हो गया है. मनपा आयुक्त श्रवण हर्डिकर ने जून अंत तक कोरोना के मरीजों की संख्या 3000 तक पहुंच जाने की आशंका जताई थी. अब जुलाई के अंत तक पेशेंट्स की संख्या के 10 हजार तक पहुंचने की बात कही जा रही है. यह बहुत गंभीर परिस्थिति है. चेन तोड़ने के लिए 10 दिनों तक कड़ा लॉकडाउन लागू करना जरूरी है.’