छात्रों में ‘स्टार्टअप’ संस्कृति विकसित होना जरूरी

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पुणे. छात्रों के बीच नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सरकारी स्तर पर कई पहल की जा रही हैं और एक नवाचार-स्टार्टअप नीति (Startup Policy) तैयार की गई है. छात्रों में गुणवत्ता अधिक है. हालांकि आवश्यक संसाधनों की कमी के कारण, उन्हें पर्याप्त अवसर नहीं मिलते हैं. इसलिए कॉलेज स्तर (College level) पर उन्हें जरूरी मूलभूत सुविधाएं (Basic facilities) और संसाधनों को साथ प्रदान करने की आवश्यकता है. 

विश्वविद्यालय और कॉलेजों को छात्रों के बीच नवाचार, उद्यमशीलता और ‘स्टार्टअप’ की संस्कृति को विकसित करने के लिए पहल करनी चाहिए. यह विचार भाऊ इंस्टीट्यूट के सह-संस्थापक और नेशनल इनोवेशन स्टार्टअप पॉलिसी के प्रमुख (Head of National Innovation Startup Policy) संजय इनामदार (Sanjay Inamdar) ने व्यक्त किए.

‘नेशनल इनोवेशन स्टार्टअप पॉलिसी’ पर  सेमिनार

दिघी स्थित आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (AIT) के इंस्टीट्यूशनल इनोवेशन काउंसिल द्वारा आयोजित ‘नेशनल इनोवेशन स्टार्टअप पॉलिसी’ पर सेमिनार में संजय इनामदार बोल रहे थे. शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल के सहायक निदेशक दीपन साहू, भाऊ इन्स्टिट्यूट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय तलेले, ‘एआईटी’ के डायरेक्टर ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त), अभय भट, प्राचार्य डॉ. बी. पी. पाटिल, आईआईसी समन्वयक डॉ. सीमा तिवारी, विभागाध्यक्ष संगीता जाधव भी मौजूद थीं.

हमारे सामने संसाधन और दृष्टिकोण चुनौतियां  

इनामदार ने कहा कि संसाधन और दृष्टिकोण आज 2 चुनौतियां हमारे सामने हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में संसाधन, जबकि शहरी क्षेत्रों में दृष्टिकोण की कमी दिखाई देती है. आऊट ऑफ बॉक्स जा कर काम करने का दृष्टिकोण विकसित होने की जरुरत है. देश के विकास में मेरा योगदान क्या होगा, इस भावना से हमें काम करना होगा. इसी विचार को लेकर काम करनेवाले शिक्षक और छात्र की संख्या बढ़ती दिखाई दे रही है. ग्रामीण भागों में इनोवेशन और आंत्रप्रेन्युअरशिप विकसित हो रही है. बच्चों में स्किल डेवलपमेंट, इनोवेशन विकसित होने के लिए प्रोत्साहित किया जा राहा है. दीपन साहू ने कहा कि परिषद नवाचार, उद्यमशीलता को चलाने का प्रयास करती है. यदि हम एक नए भारत के सपने को साकार करना चाहते हैं, साथ ही साथ 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था भी चाहते हैं, तो हमें स्टार्टअप, नवाचार और रोजगार सृजन पर ध्यान देने की आवश्यकता है. साथ ही, बौद्धिक संपदा, पेटेंट के पंजीकरण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. अगर इस नीति को प्रभावी ढंग से लागू किया जाता है, तो भविष्य में हम इजरायल और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों के साथ पकड़ बना सकते हैं. उसके लिए नवाचार के लिए बजट में कम से कम 1 प्रतिशत आवंटित किया जाना चाहिए. ब्रिगेडियर अभय भट ने कहा कि आर्मी इंस्टीट्यूट में छात्र लगातार नवाचार करने के लिए प्रेरित होते हैं. आज कई छात्र एप्लाइड रिसर्च कर रहे हैं. अपने स्वयं के स्टार्टअप शुरू करना. आर्मी इंस्टीट्यूट के छात्र स्मार्ट हैकथॉन जैसी प्रतियोगिताओं में सफल रहे हैं. हम इसे प्रोत्साहित करने जा रहे हैं.