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  • पीठासीन अधिकारी ने प्रशासन की ली क्लास

पुणे. महापालिका में स्थायी समिति के अलावा 4 विषय समितियां होती हैं. जिसमे शहर के विकास को लेकर महत्वपूर्ण फैसले किए जाते हैं. इन समितियों का चुनाव हर साल लिया जाता है, लेकिन कोरोना के चलते ये चुनाव अटक गए थे. लेकिन अब सरकार के निर्देशानुसार प्रक्रिया शुरू की गई है. विगत हफ्ते गुरुवार को नामांकन भी दर्ज किए गए. इस चुनाव के लिए भाजपा के खिलाफ महाविकास आघाड़ी एकजूट हो गई थी. लेकिन इस चुनाव में राजनीति से ज्यादा प्रशासकीय अनुशासन ही देखने को मिला. पीठासीन अधिकारी प्रशांत नारनवरे ने प्रशासन को काफी तंग किया. जिससे चुनाव काफी देर तक चला. इससे मनपा प्रशासन परेशान भी नजर आया.

अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के लिए हुआ चुनाव

ज्ञात हो कि महापालिका में स्थायी समिति का अहम महत्त्व है. उसके साथ और 4 विषय समितियां होती है. इसमें शहर सुधार, महिला एवं बालकल्याण, विधि और क्रीड़ा समिति का समावेश होता है. इन समितियों के लिए हर साल चुनाव लिया जाता है. उसमे अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव होते हैं. प्रत्येक समिति में 13 सदस्य होते हैं. ये सदस्य प्रत्येक पार्टी के संख्या बल के अनुसार नियुक्त किए जाते है. इस साल इन समितियों के चुनाव नहीं लिया गया था. कोरोना महामारी के चलते चुनाव अटक गए थे. लेकिन अब अब चुनाव का रास्ता साफ हो गया है. राज्य सरकार ने इन समितियों के चुनाव लेने के निर्देश दिए है. लेकिन चुनाव वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लेने के लिए सरकार ने कहा था. इसके अनुसार महापालिका प्रशासन ने ऑनलाइन तरीके से इसकी प्रक्रिया शुरू की. ऐसी जानकारी प्रभारी नगरसचिव शिवाजी दौंडकर ने दी.

देखने मिला अनुशासन

महापालिका प्रशासन की मानो तो चारों समितियों के चुनाव 30 सितंबर को हुए. उसके लिए 24 को नामांकन  दर्ज करने के लिए सुबह 11 से 1 बजे का समय दिया गया था. उसके अनुसार सभी दलों द्वारा नामांकन भरे गए थे. उल्लेखनीय है कि महापालिका में भाजपा का संख्याबल ज्यादा है. नजीता सभी पद उनके ही हाथ जाएंगे. नामांकन दर्ज होने के बाद तय हुआ है कि कौन अध्यक्ष व उपाध्यक्ष होगा. अब सिर्फ औपचारिक चुनाव शेष रह गया था. इस चुनाव के लिए भाजपा के खिलाफ महाविकास आघाड़ी एकजूट हो गई थी. लेकिन इस चुनाव में राजनीति से ज्यादा प्रशासकीय अनुशासन ही देखने को मिली. पीठासीन अधिकारी  समाज कल्याण आयुक्त प्रशांत नारनवरे ने प्रशासन को काफी तंग किया. जिससे चुनाव काफी देर चला. इससे मनपा प्रशासन परेशान भी नजर आया. इस बीच चुनाव होने के बाद इस पर भाजपा का वर्चस्व नजर आया. सभी समितियों में भाजपा के 8 व आघाडी के 5 सदस्य चुने गए. विधि समिति के लिए अध्यक्ष के तौर पर भाजपा की  मनीषा लड़कत तो उपाध्यक्ष के लिए मनीषा कदम को पद मिलें. शहर सुधार समिति के अध्यक्ष पद लिए भाजपा के प्रसन्न जगताप और उपाध्यक्ष का पद शीतल सावंत को मिला. महिला एवं बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष पद लिए भाजपा के माधुरी सहस्रबुद्धे  व उपाध्यक्ष का पद वृषाली चौधरी को मिला. क्रीड़ा समिति के लिए अध्यक्ष के तौर पर भाजपा वीरसेन जगताप  तो उपाध्यक्ष के लिए छाया मारने को पद मिला.