Big gift for Puneites on Sunday, PM Modi will inaugurate the metro on 6 March
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    पुणे. शहर में वनाज से रामवाडी (Vanaj to Ramwadi) और पिंपरी से स्वारगेट मेट्रोमार्ग (Pimpri to Swargate Metroway) का काम तेजी से चल रहा है। मेट्रो (Metro) का दूसरा मार्ग यानी पिंपरी से स्वारगेट का मार्ग बढ़ाने की मांग की जा रही थी। यह मार्ग निगडी से कात्रज तक किया जाए, ऐसी मांग की जा रही थी। इसके अनुसार, विभिन्न प्रस्ताव महामेट्रो को दिए गए थे। हाल ही में पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) ने पिंपरी से निगडी तक के मेट्रो मार्ग का डीपीआर (DPR) बनाने से संबंधित प्रस्ताव महामेट्रो को दिया था। उसके बाद पुणे महानगरपालिका की ओर से भी स्वारगेट से कात्रज तक के मेट्रो मार्ग का डीपीआर बनाने संबंधित प्रस्ताव महामेट्रो को दिया गया था। उसके लिए निधि देने की तैयारी भी पीएमसी प्रशासन की ओर से दर्शायी थी।  हाल ही में यह डीपीआर पूरा किया गया है। 

    इसके अनुसार, अब स्वारगेट से कात्रज की मेट्रो पूरी तरह से भूमिगत बनेगी। कुल 6 किमी का यह मार्ग होगा। महामेट्रो द्वारा इसका डीपीआर तैयार किया गया है। इसे मनपा को पेश किया है। इसके लिए कुल 4 हजार 283 करोड़ का खर्चा आएगा। इसके अनुसार अब मनपा का हिस्सा 233 करोड़ 75 लाख का था, लेकिन मनपा का हिस्सा बढ़कर 15% किया है। यानि अब मनपा को 733 करोड़ 85 लाख देने पड़ेंगे। तय है कि मनपा पर 500 करोड़ का अतिरिक्त बोझ आया है। इससे सम्बंधित प्रस्ताव प्रशासन द्वारा मंजूरी के लिए स्थायी समिति केसमक्ष रखा गया है। इस पर समिति की आगामी बैठक में चर्चा होगी।  

    महामेट्रो द्वारा किया जाएगा काम

    पुणे मेट्रो के पिंपरी-चिंचवड़ से स्वारगेट मार्ग पर स्थित मेट्रोका भूमिगत स्टेशन स्वारगेट इलाके में प्रस्तावित किया गया है। स्वारगेट इलाके से राज्य के विभिन्न इलाकों में आवागमन करनेवाले एसटी की तादाद भी बड़े पैमाने पर है। साथ ही शहर की जीवनदायनी पीएमपी का मुख्य बस डिपो भी स्वारगेट इलाके में ही है। इस वजह से मेट्रो, राज्य परिवहन महामंडल की (एसटी) बस और पुणे महानगर परिवहन महामंडल (पीएमपी) की बस, ऐसी तीनों सार्वजनिक सेवाओं को एक ही मंच उपलब्ध कराने के लिए स्वारगेट इलाके में ‘इंटीग्रेटेड हब’ की संकल्पना आगे लाई गयी थी। उसके अनुसार इस काम को गति देने के संकेत मुख्यमंत्री ने दिए थे और उसका प्रत्यक्ष काम आगामी 6 माह में शुरू करने के निर्देश भी उन्होंने जारी किए थे। इसके अनुसार महामेट्रो द्वारा इसके लिए जगह ढूंढी जा रही थी। इससे पहले हमें पिंपरी मनपा ने भी पिंपरी से निगडी तक मार्ग की बढ़ाने की मांग की थी और इससे संबंधित डीपीआर बनाने के लिए भी कहा था। दोनों मनपा ने निधि उपलब्ध कराने की तैयारी दर्शाई है।

    केंद्र का 5% हिस्सा कम किया 

    पहले प्रस्ताव के अनुसार, स्वारगेट से कात्रज की मेट्रो पूरी तरह से भूमिगत बनेगी। कुल 6 किमी का यह मार्ग होगा। महामेट्रो द्वारा इसका डीपीआर तैयार किया गया है। उसे मनपा को पेश किया गया है। इसके अनुसार अब यहां पर भूमि अधिग्रहण करने व बाधितों का पुनर्वसन करने के लिए कुल 4 हजार 283 करोड़ का खर्चा आएगा। उसमें से मनपा का हिस्सा करीब 233 करोड़ 75 लाख का होगा। इसमें से 2 हजार 381 करोड़ कर्जा लिया जाएगा। केंद्र व राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक को 584 करोड़ लिए जाएंगे। ऐसा तय हुआ था, लेकिन अब केंद्र सरकार 15% हिस्सा यानी 584 करोड़ देने तैयार नहीं है। केंद्र द्वारा सिर्फ 10% यानी 323 करोड़ दिए जाएंगे। शेष मनपा को देने पड़ेंगे। साथ ही भूमि अधिग्रहण और जमीन की कीमत मनपा को देनी पड़ेगी। ऐसे कुल अब 733 करोड़ 85 लाख देने होंगे। पहले 233 करोड़ 75 लाख देने थे, लेकिन अब मनपा 500 करोड़ का अतिरिक्त बोझ आया है। पहला प्रस्ताव रद्द किया जाएगा।  पहले से ही मनपा कोरोना के चलते वित्तीय संकट से जूझ रही है। ऐसे में अब और एक नया संकट आया है। इस पर अब स्थायी समिति क्या निर्णय लेती है। यह देखना दिलचस्प होगा। 

    किस तरह देना होगा निधि 

    • केंद्र सरकार (10 %)    –  323.49 करोड़ 
    • राज्य सरकार (15%)      485.23 करोड़ 
    • पुणे मनपा (15 %)       – 485.23 करोड़ 
    • कर्ज                              – 1940.92 करोड़ 
    •  प्रकल्प खर्च                   – 3234.86 करोड़ 
    • केंद्र व राज्य सरकार कर –   441.98 करोड़ 
    • पुणे मनपा जमीन की कीमत व पुर्नवसन खर्चा समेत –  248.62 करोड़ 
    • मेट्रो निर्माण कालावधी स्थित  ब्याज (आयडीसी. – 95.20 करोड़ 
    • कुल  – 4020.67 करोड़