The number of oxygen generator plants will increase to 12

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    पुणे. कोरोना (Corona) की दूसरी लहर (Second Wave) को ऑक्सीजन सप्लाई (Oxygen Supply) को लेकर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसके अलावा ऑक्सीजन बेड में मरीजों की संख्या ज्यादा होने के कारण ऑक्सीजन की मांग ज्यादा थी। इस पृष्ठभूमि के चलते, पुणे नगर निगम (Pune Municipal Corporation) ने तत्काल योजना के साथ ऑक्सीजन जनरेटिंग प्लांट का निर्माण शुरू कर दिया है और दो संयंत्रों की वास्तविक शुरुआत के तुरंत बाद यह संख्या बढ़ाकर 12 की जा रही है। ऐसा मेयर मुरलीधर मोहोल (Mayor Murlidhar Mohol) ने बताया। मेयर मोहोल ने कहा कि इन सभी संयंत्रों के चालू होने के बाद पुणे नगर निगम ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा। 

    कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद भी गंभीर रूप से बीमार मरीजों की संख्या कोरोना मुक्त मरीजों की संख्या के मुकाबले कम नहीं हुई है। साथ ही तीसरी लहर की तैयारी में निगम ने ऑक्सीजन उत्पादन पर जोर दिया है।  इसलिए पुणे नगर निगम के प्लांट की कुल क्षमता 10,583 लीटर/मिनट (एलपीएम) हो जाएगी। इस बारे में जानकारी देते हुए मेयर मोहोल ने कहा कि पुणे शहर में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण इस दौरान ऑक्सीजन की काफी जरूरत थी।  ऑक्सीजन की बड़ी मांग के कारण, ऑक्सीजन की योजना बनाने में कई कठिनाइयाँ थीं। इसलिए मध्यम और बड़े महानगरपालिका अस्पतालों के लिए ऑक्सीजन पैदा करने वाले संयंत्र स्थापित करना आवश्यक हो गया। पुणे नगर निगम द्वारा 8 अस्पतालों में 12 प्लांट लगाए जा रहे हैं।  इनमें से कुछ प्लांट अमेरिका, फ्रांस और नीदरलैंड से मंगवाए जा रहे हैं। कुछ अन्य महत्वपूर्ण भागों को आयात करके भारत में बनाए जाएंगे। महापौर ने कहा कि सभी प्लांट 10583 लीटर प्रति मिनट (लगभग 20 टन प्रतिदिन) की दर से ऑक्सीजन उत्पन्न करेंगे। तैयार ऑक्सीजन की आपूर्ति मरीजों को की जाएगी। महापौर ने कहा कि फिलहाल 40 टन तरल ऑक्सीजन के भंडारण के लिए निगम में कुल 7 टैंक लगाए गए हैं।

    नायडू में अब ऑक्सीजन रिफिलिंग स्टेशन!

    पुणे नगर निगम के डॉ. नायडू अस्पताल के परिसर में 13KL क्षमता का एक ऑक्सीजन टैंक लगाया गया है। इसकी मदद से तरल ड्यूरा सिलेंडर को फिर से भरकर पुणे नगर निगम के अन्य अस्पतालों में आपूर्ति की जा रही है।  साथ ही एक गैस जंबो सिलेंडर रिफिलिंग प्लांट चालू किया गया है। इससे शहर के किसी भी अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति करने में भी आसानी होगी क्योंकि इस स्थान पर ऑक्सीजन सिलेंडर भरने की भी सुविधा होगी।  परियोजना की विस्तार से समीक्षा की गई। इस अवसर पर कमिश्नर विक्रम कुमार, अतिरिक्त आयुक्त कुणाल खेमनार, नगर अभियंता प्रशांत वाघमारे, श्रीनिवास कंदुल, डॉ. संजीव वावरे, युवराज देशमुख आदि उपस्थित थे।