- राज्य सरकार ने जिलाधिकारी से मांगी जानकारी
- मनपा की बढ़ेगी सीमा
पुणे. राज्य सरकार के नगर विकास विभाग ने जिला कलेक्टर से पुणे महापालिका में शामिल होने वाले 23 गांवों के बारे में जानकारी मांगी है. इससे पहले, 2014 में 34 गांवों को कवर करने के लिए एक प्रारंभिक अधिसूचना जारी की गई थी. 4 अक्टूबर 2017 की अधिसूचना के अनुसार, 34 गांवों में से 11 को शामिल करने के बारे में अंतिम अधिसूचना जारी की गई थी. अब शेष 23 ऐसे गांवों के बारे में शहरी विकास विभाग द्वारा जिला कलेक्टर से जानकारी मांगी गई है. इससे अब महापालिका के सीमा में बढ़ोतरी होगी. साथ ही बुनियादी सुविधाएं देने का बोज भी मनपा पर आएगा.
समावेशन के लिए विचाराधीन शेष 23 गाँवों के नाम इस प्रकार हैं
महालुंगे, सुस, बावधन बू, कोंधवे-धवडे, न्यू कोपारे, नांदेड़, खडकवासला, मांजरि बु., नांदोशी, मांगडेवाड़ी, भीलरेवाड़ी, गूजर निम्बालकरवाड़ी, जांभूलवाड़ी, कोलेवाड़ी, वाघोली, मंतरवाडी, किरकिटवाड़ी, पिसोली, औताडी-हांडेवाड़ी. नर्हे, वडाचीवाड़ी,शेवाले वाड़ी.
11 गांव पहले किए हैं शामिल
वर्ष 2017 में 34 गांवों में से जिन 11 गांवों का समावेश मनपा में करने का फैसला राज्य सरकार की ओर से किया गया था. उसमें उरली व फुरसुंगी गांव को पूरी तरह से समाविष्ट किया गया था. जबकि लोहगांव (शेष), शिवणे (उत्तमनगर) मुंढवा (शेष केशवनगर), हड़पसर (साढे सतरहनली), शिवणे, आंबेगांव (खुर्द), उंड्री, धायरी व आंबेगांव(बुद्रुक) गांव अंशत: समाविष्ट किए गए थे.
दिसंबर 2017 तक ये गांव समाविष्ट किए जाएंगे, ऐसा सरकार द्वारा कहा गया था. उसके अनुसार सरकार की ओर से ये 11 गांव महापालिका सीमा में लेने के निर्देश हाल ही में जारी किए गए थे. नए 23 गाव सीमा में आने से इससे अब महापालिका के सीमा में बढ़ोतरी होगी. पर मनपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती इन नए समाविष्ट गांवों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने की होगी.