बारिश से तबाही के लिए सत्ताधारी और प्रशासन जिम्मेदार

  • शिवसेना का भाजपा पर आरोप

Loading

पुणे. पुणे शहर में एक छोटी या बड़ी बारिश होती है, तो पानी खुली भूमि में जाता है और शेष पानी नाला के माध्यम से नदी में जाता है.महानगरपालिका अधिकारियों और प्रशासन के सुस्त और अनियोजित कार्य के कारण, हर साल तह नौबत आती है. ऐसा आरोप शिवसेना गुटनेता पृथ्वीराज सुतार और संजय मोरे ने लगाया है.  साथ ही उन्होंने कुछ उपाय सुझाए हैं. उनका कमिश्नर से कहना है यदि आप इन उपायों को करते हैं, तो निश्चित रूप से कम नुकसान होगा. 

 बारिश लाइन विकसित कर नालसफाई करें 

कमिश्नर को दिए गए पत्र में सुतार ने कहा है कि पुणे शहर के सभी हिस्सों में, लगभग 80% सड़कें सीमेंट सड़कें, डामर सड़कें हैं. ब्लॉक स्ट्रिप्स, फुटपाथ विकसित किए गए हैं. कुछ स्थानों पर वर्षा जल प्रवाहित करने की योजना है, लेकिन कुछ स्थानों पर योजना नहीं है. इस वजह से बारिश लाइन को अच्छी तरह से विकसित करनी चाहिए.  इससे पानी के भंडार को बढ़ाने में मदद मिलेगी. सुतार ने कहा कि जिस जगह पर बारिश की लाइन बिछाई गई है, हमने सफाई के लिए एक टेंडर जारी किया है. हालांकि, इन कार्यों को ठीक से और कुशलता से नहीं किया जाता है. जब चैम्बर से चैम्बर लाइन को साफ करने की आवश्यकता होती है, तो केवल चैम्बर और उसके ढक्कन को साफ किया जाता है.  नतीजा पानी घरों, बस्तियों में जाता है, जिससे नागरिकों को जान का नुकसान होता है. साथ ही वाहनों का नुकसान, संपत्ति का नुकसान और वित्तीय नुकसान होता है.  इसके लिए नियमित रूप से चैंबर से लाइन सफाई की आवश्यकता है. 

नालों पर का अतिक्रमण हटाए 

सुतार के अनुसार नाला प्राकृतिक हैं, लेकिन इन नालों पर और इसके आसपास अतिक्रमण किए गए हैं. इसके लिए हमें लगता है कि यदि नालों पर हुए अतिक्रमणों को हटाकर गलत तरीके से दी गई अनुमतियों को रद्द कर दिया जाए तो यह समस्या उत्पन्न नहीं होगी. सुतार ने कहा कि हमारे लिए बड़ा सवाल उस विभाग का अस्तित्व है जो एक आपातकालीन प्रणाली के रूप में पुणे मनपा में है.  कोई नहीं जानता कि इस विभाग का काम क्या है, उनकी प्रणाली पूरी तरह से पंगु है और यह विभाग कई चीजों के लिए जिम्मेदार है.  आपदा प्रबंधन विभाग को 24×7 चलाया जाना चाहिए, उन्हें सभी आवश्यक श्रमशक्ति और उपकरण प्रदान किए जाने चाहिए. आपदा प्रबंधन सेल का काम नागरिकों को जागरूक करना है, ताकि आने वाले आपदा के बारे में पुणे के लोगों को सूचित किया जा सके. सुतार ने आगे कहा कि मेट्रो की गलत प्लानिंग के कारण पूरा पौड रोड इलाका भर गया है. नागरिकों को इसका खामियाजा अनावश्यक रूप से उठाना पड़ता है, जिसके लिए उचित योजना की आवश्यकता होती है.