नदी पाट में मेट्रो द्वारा डाली जा रही मिट्टी!

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– बारिश में बाढ़ की स्थिति पैदा होने का डर

पुणे. शहर में महामेट्रो द्वारा दो रूट्स पर मेट्रो का काम जारी है. मेट्रो के पिलर बनाने के लिए नदी पाट में डाली गई मिट्टी के ढेर से बारिश के मौसम में बाढ़ की स्थिति पैदा होने का डर जलसंसाधन विभाग द्वारा जताया गया है. मिट्टी का ढेर तत्काल हटाने का आदेश जल संसाधन विभाग ने महामेट्रो को दिया है, लेकिन कई बार बताने के बावजूद महामेट्रो द्वारा उस पर कार्रवाई नहीं की गई है. इसलिए बारिश में बाढ़ की स्थिति पैदा होने पर इसके लिए पूरी तरह से महामेट्रो जिम्मेदार होने की चेतावनी जलसंसाधन विभाग द्वारा दी गई है.

काम पूरा होने के बाद भी नहीं हटाई मिट्टी

 मेट्रो का एक रूट कोथरूड-वनाज से रामवाडी तक है. डेक्कन से कांग्रेस भवन तक नदी पाट से यह रूट गुजरता है. उसके लिए पिलर बनाने के काम के लिए करीब डेढ से दो किलोमीटर लंबाई का मिट्टी का ढेर लगाया गया है. अब पिलर बनाने का काम पूरा हो गया है, लेकिन मिट्टी का ढेर अब तक हटाया नहीं गया है. साथ ही संगम पुल के नजदीक सीआईडी ऑफिस के नजदीक बड़ा ढेर लगाकर प्लेटफॉर्म बनाया है.

पिछले वर्ष बन गई थी बाढ़ की स्थिति

पिछले वर्ष बारिश में खडकवासला बांध से पानी छोड़ने पर इस ढेर के कारण पानी बहने में बाधा पैदा हो गई थी. जिससे नदी के बाढ़ स्तर तक पानी पहुंचने से बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई थी. इसलिए हर वर्ष इस प्रकार की स्थिति पैदा न हो, इसलिए तत्काल मिट्टी का ढेर हटाने का आदेश जलसंसाधन विभाग ने महामेट्रो को पत्र भेजकर दिया है. इस दौरान नदी पाट का मिट्टी का ढेर हटाने जलसंसाधन विभाग ने महामेट्रो के कार्यकारी संचालक डॉ. ब्रिजेश दीक्षित को इस बारे में 5 बार पत्र भेजने के बाद भी महामेट्रो द्वारा अब तक कार्यवाही नहीं की है. इस बार बारिश समय पर शुरू होने से बांध में उपलब्ध पानी का स्टॉक और बारिश का अनुमान लगाते हुए बाढ़ की स्थिति पैदा होने का डर व्यक्त किया जा रहा है. इसलिए बाढ़ वाली स्थिति पैदा होने के लिए महामेट्रो ही जिम्मेदार होगा, यह जलसंसाधन विभाग द्वारा भेजे गए पत्र में स्पष्ट किया गया है.