पुणे. पुणे नगर निगम द्वारा टीकाकरण (Vaccination) शुरू हुए करीब चार महीने हो चुके हैं। इस संबंध में केंद्र सरकार (Central Government) ने नियम बनाए हैं। तदनुसार, प्रत्येक नागरिक को आधार कार्ड (Aadhar Card) के साथ पंजीकरण (Registration) करना होगा और फिर टीकाकरण की तारीख प्राप्त करनी होगी, लेकिन पिछले कुछ दिनों में कई टीकाकरण केंद्रों पर टोकन (Token) दिए जा रहे हैं।
टोकन प्राप्त करने वाले व्यक्ति को प्रतीक्षालय में न होने पर भी तुरंत टीका लगाया जाता है। यह प्रक्रिया बंद करने की मांग प्रदेश कांग्रेस सचिव संजय बालगुडे ने महानगरपालिका कमिश्नर से की है।
दबाव में क्यों काम किया जा रहा है?
बालगुडे ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को आधार कार्ड के साथ पंजीकरण करना होगा और फिर टीकाकरण की तारीख प्राप्त करनी होगी। लेकिन पिछले कुछ दिनों में कई टीकाकरण केंद्रों पर टोकन दिए जा रहे हैं। टोकन प्राप्त करने वाले व्यक्ति को प्रतीक्षालय में न होने पर भी तुरंत टीका लगाया जाता है। पुणे के हजारों निवासी सुबह 5 बजे से टीकाकरण के लिए कतार में खड़े हैं, घंटों खड़े हैं और अचानक कहा जा रहा है कि उनके पास टीके खत्म हो गए हैं, लेकिन निजी टोकन वाले व्यक्ति को टीका लगाया जाता है। बालगुडे ने कहा कि आप इस संबंध में एक टीम नियुक्त कर इसे तुरंत रोकें। यदि किसी नागरिक को सुबह से लाइन में खड़े होकर चक्कर आ जाए या उसकी जान चली जाए तो कौन जिम्मेदार होगा? जबकि यह सब चल रहा है, नगर निगम केंद्र के डॉक्टर या अन्य कर्मचारियों का क्या? यह दबाव क्यों कम हो रहा है? अनुरोध किया गया है कि यदि सुबह से ही प्रतीक्षालय में खड़े किसी व्यक्ति को गलती से जान गंवानी पड़े तो एक पत्रक प्रकाशित कर सभी केंद्रों को समझाया जाए कि उन पर मामला दर्ज किया जाएगा। ऐसा बालगुडे ने कहा है।